- रोहिंग्या को नहीं मिलेगा नागरिकता संशोधन अधियनियम (CAA) का फायदा
- केंद्रीय मंत्री बोले- जम्मू- कश्मीर से रोहिंग्या को वापस जाना ही होगा
- केंद्र सरकार जुटा रही क्षेत्र में रोहिंग्या से जुड़ा विवरण: जितेंद्र सिंह
जम्मू: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू में बोलते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) जम्मू-कश्मीर सहित पूरे भारत में लागू होगा और क्षेत्र से रोहिंग्याओं को बाहर निकालने के लिए विवरण पर काम किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों के पास दर्ज शिकायतों की संख्या हाल के दिनों में बढ़ी है और यह प्रशासन में लोगों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
सीएए पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री (एमओएस) ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों को इस क्षेत्र को छोड़ने की जरूरत होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'सीएए जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश में लागू है। यहां उठाए जाने वाला अगला कदम रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर होगा। उनको जाना ही होगा और इसके विवरण पर काम किया जा रहा है। इस अधिनियम से उन्हें लाभ नहीं मिलेगा।'
केंद्रीय मंत्री यहां सामान्य निधि नियमों पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर सरकार के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू में रोहिंग्याओं की एक बड़ी आबादी मौजूद है।
जितेंद्र सिंह ने कहा, 'उनके (रोहिंग्याओं) निर्वासन की योजना क्या होगी, इस बारे में केंद्र चिंतित है। सूची तैयार की जाएगी। जहां भी जरूरत होगी, बायोमेट्रिक पहचान पत्र दिए जाएंगे, क्योंकि सीएए रोहिंग्या को कोई फायदा नहीं देता है।'
उन्होंने कहा, 'वे छह (धार्मिक) अल्पसंख्यकों (जिन्हें नए कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी) से संबंधित नहीं है। वह तीनों पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) में से किसी से संबंधित नहीं हैं।' रोहिंग्या म्यांमार से आए और इसलिए उन्हें वापस जाना होगा।
जम्मू-कश्मीर सरकार के शिकायत पोर्टल के मॉनिटरिंग डैशबोर्ड पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि नवगठित केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में ज्यादा शिकायतें आना सरकार की प्रतिक्रिया को दिखाता है और शिकायतों के निवारण में भी सुधार हुआ है।
एमओएस जितेंद्र सिंह ने क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विकास योजना की रूपरेखा तैयार की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लाभ के लिए एक नए कानून विश्वविद्यालय के अलावा एक केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) पीठ और एक अत्याधुनिक स्टेडियम तैयार किए जाएंगे।