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Kulbhushan Jadhav Case: ICJ की फटकार का पाकिस्तान पर असर, कुलभूषण जाधव के लिए आर्मी एक्ट में होगा बदलाव

Updated Nov 13, 2019 | 16:51 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Kulbhushan Jadhav Case: पाकिस्तान की कैद में कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पाक सरकार का आलोचना की थी। आईसीजे की लताड़ के बाद आर्मी एक्ट में बदलाव की खबर है।

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कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे ने पाकिस्तान को लगाई थी लताड़
मुख्य बातें
  • आईसीजे के दबाव में पाकिस्तान, फैसले को तामील न करने पर लगाई थी फटकार
  • कुलभूषण जाधव सिविलियन कोर्ट में अपील कर सके इसके लिए आर्मी एक्ट में बदलाव की खबर
  • इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने जाधव की फांसी पर लगाई है रोक

नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव केस में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की फटकार के बाद पाकिस्तान ने बड़ा फैसला किया है। पाक मीडिया के मुताबिक सिविलियन कोर्ट में कुलभूषण जाधन अपील फाइल कर सके इसके लिए आर्मी एक्ट में आवश्यक बदलाव किया जा रहा है। जाधव को पाकिस्‍तान की सैन्‍य अदालत ने जासूसी व आतंकवाद के मामले में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। 

कुलभूषण जाधव के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत मिलिट्री कोर्ट में केस चलाया गया था। इस तरह के मामलों में सजा पाने वाले शख्स को यह हक नहीं है कि वो सिविलियन कोर्ट में अपील दायर कर सके। लेकिन कुलभूषण जाधव केस में नियमों में बदलाव किया जा रहा है। 

आईसीजे ने फैसले में जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी और पाकिस्‍तान को इस मामले में नए सिरे से विचार करने के लिए कहा था। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने वियना कन्‍वेंशन का हवाला दिया और पाकिस्तान को स्पष्ट आदेश दिया कि जाधव के मानवाधिकार का हनन नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही उसे कंसुलर एक्सेस प्रदान करने के लिए भी कहा था। इसे अंतरराष्‍ट्रीय पटल पर भारत की बड़ी जीत मानी गई। यह बात अलग है कि पाकिस्तान ने अदालती आदेश के कुछ बिंदुओं का हवाला देते हुए अपनी पीठ थपथपाई थी। 

भारत ने पाकिस्‍तान के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि जाधव नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं, जिन्‍हें पाक‍िस्‍तान ने ईरान से अगवा किया। भारत का कहना है कि नौसेना से रिटायर होने के बाद वह ईरान में अपने कारोबार के सिलसिले में थे, जहां से पाकिस्‍तान ने उन्‍हें अगवा कर लिया था।