- अमेरिका में चुनाव जीतने वाले जो बिडेन और कमला हैरिस की पाकिस्तान में भी खूब चर्चा हो रही है
- यहां उनके उस बयान की चर्चा प्रमुखता से हो रही है, जो उन्होंने कश्मीर व सीएए को लेकर दिया था
- कश्मीर, सीएए, एनआरसी पर जो बिडेन के बयानों को पाकिस्तान अपने पक्ष में देख रहा है
वाशिंगटन/इस्लामाबाद : अमेरिका में जो बिडेन राष्ट्रपति चुनाव जीत चुके हैं, जिसके बाद उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है। उन्हें दुनियाभर से बधाई संदेश मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां उनकी जीत को शानदार बताया है, वहीं उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित कमला हैरिस को बधाई देते हुए भारत से जुड़ी उनकी जड़ों को याद किया। बिडेन और हैरिस की जीत को लेकर पाकिस्तान में भी खूब चर्चा हो रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बिडेन और हैरिस को बधाई दी है और उम्मीद जताई कि पाकिस्तान व अमेरिका साथ मिलकर अफगानिस्तान व क्षेत्र में शांति के लिए काम करता रहेंगे।
पाकिस्तान की मीडिया में बिडेन की जीत को लेकर जिस तरह की चर्चा हो रही है, उससे लगता है कि उसे इस बात की उम्मीद है कि बिडेन की अगुवाई वाले अमेरिका के नए प्रशासन से उसे कश्मीर मसले पर मदद मिल सकती है। इसकी कश्मीर मसले को लेकर बिडेन का पूर्व का बयान बताया जा रहा है। दरअसल बिडेन ने इस साल जून में कश्मीर को लेकर टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीरियों के अधिकार बहाल होने चाहिए। उनका यह बयान जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा निरस्त किए जाने के संदर्भ में आया था।
क्यों खुश है पाकिस्तान?
बिडेन के चुनावी कैंपेन में भारत में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) को लेकर भी निराशा जताई गई थी। बिडेन के ये दो बयान ऐसे हैं, जिसे लेकर पाकिस्तानी हलकों में खुशी देखी जा रही है। वह रोहिंग्या मुसलमानों और चीन के उइगर मुसलमानों का मुद्दा भी उठाते रहे हैं और उनके मानवाधिकारों की पैरवी करते रहे हैं। अपने चुनाव प्रचार के दौरान बिडेन ने मुसलमानों के साथ बेहतर व्यवहार और ट्रंप प्रशासन की प्रवासी विरोधी नीतियों पर पुनर्विचार करने की बात भी कही थी। बिडेन के इन्हीं बयानों की पाकिस्तान में चर्चा हो रही है और इसे वे अपने पक्ष में मान रहे हैं।
बिडेन हलांकि भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने की बात भी करते रहे हैं। बीते जुलाई माह में एक फंडरेजर कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत और अमेरिका को स्वाभाविक साझीदार बताया था। वही भारत के साथ व्यापार बढ़ाने के भी पक्षधर रहे हैं और इसे 500 अरब डॉलर तक ले जाने की बात करते रहे हैं। बराक ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल में उपराष्ट्रपति के पद पर रहते हुए बिडेन अपने आवास पर आवास पर दिवाली का भी आयोजन करते रहे हैं। उनके करीबियों में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों की एक बड़ी संख्या है। ऐसे में तमाम विश्लेषकों का मानना है कि बिडेन के कार्यकाल में भी भारत-अमेरिका संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे और द्विपक्षीय व्यापार तेज गति से बढ़ेगा।