इस्लामाबाद : कोरोना महामारी की वैश्विक आपदा के बीच पाकिस्तान में शुक्रवार को भीषण हादसा हुआ, जब पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) का एक यात्री विमान कराची में जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में 99 लोग और चालक दल के 8 सदस्य सवार थे। विमान कराची के रिहायशी इलाके मॉडल कॉलोनी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें अब तक 66 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हालांकि फिलहाल यह साफ नहीं है कि मरने वालों विमान में सवार लोग शामिल हैं या उस रिहायशी इलाके के लोग, जहां विमान गिरा।
पायलट ने दो-तीन बार की लैंडिंग की कोशिश
पीआईए के विमान A320 ने लाहौर से कराची के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान संख्या पीके 8303 कराची में जिन्ना इंटरनेशल एयरपोर्ट पर लैंड करने ही वाली थी कि उससे चंद मिनटों पहले ही यह हादसे का शिकार हो गई। बताया जाता है कि पायलट ने विमान को दो या तीन बार लैंड कराने की कोशिश की, लेकिन विमान के दोनों इंजन खराब हो चुके थे और उन्हें सुरक्षित लैंडिंग को लेकर कोई उम्मीद नहीं रह गई थी। इसी हताशा व निराशा में उन्होंने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से क्रैश के चंद सेकेंड्स पहले जो संवाद किया था, उसमें 'मेडे' शब्द का प्रयोग किया था।
रनवे से कुछ ही फीट की दूरी पर क्रैश हुआ विमान
पीआईए का विमान जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे से कुछ ही फीट की दूरी पर क्रैश हुआ। हालांकि दुर्घटना के पुख्ता कारण फिलहाल सामने नहीं आए हैं और देर रात तक राहत एवं बचाव कार्य भी जारी था, लेकिन अब तक की जो रिपोर्ट सामने आई है, उसके मुताबिक लैंडिंग के आखिरी मिनटों में किन्हीं तकनीकी कारणों से विमान के दोनों इंजनों पर क्रू मेंम्बर्स का नियंत्रण नहीं रह गया। एयर ट्रैफिक कंट्रोल और पायलट के बीच आखिरी वक्त में संवाद का जो ट्रांसकिप्शन सामने आया है, उसके मुताबिक, पायलट एक बार विमान लैंड कराने में विफल रहा, जिसके बाद उन्होंने दूसरी बार लैंडिंग की कोशिश की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विमान को रनवे के ऊपर मंडराते भी देखा गया।
जब पायलट ने कहा, 'मेडे, मेडे पाकिस्तान 8303'
'डॉन' की रिपेार्ट के मुताबिक, लैंडिंग की कोशिश के दौरान जब एयर ट्रैफिक कंट्रोल की तरफ से पायलट को निर्देश दिए तो उन्होंने कहा, 'हम आगे बढ़ रहे हैं... सर, हमारे इंजन काम नहीं कर रहे हैं... दोनों इंजन से हमारा नियंत्रण हट गया है... सर मेडे, मेडे, मेडे, मेडे पाकिस्तान 8303।' पायलट के इतना कहते ही ट्रांसमिशन खत्म हो गया। इसके साथ ही पायलट ने संकेत दे दिए थे कि अब विमान की लैंडिंग को लेकर कोई उम्मीद नहीं रह गई है। मेडे का अर्थ यही होता है, 'विपत्ति का संकेत', जो पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल के साथ अपने संवाद के आखिर में दे दिया था। सामान्य तौर पर इस शब्द का प्रयोग तभी होता है जब उम्मीद की कोई एक किरण भी न बची हो। पालयट के ये आखिरी शब्द बताते हैं कि उन्हें यकीकन क्रैश का एहसास हो चुका था।