बीजिंग : चीन के शिनजियांग प्रांत में रह रहे उइगर मुसलमानों के साथ किस तरह का अत्याचार होता है, इसकी कई रिपोर्ट्स आ चुकी है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन सहित दुनिया के कई देश इसके लिए चीन की आलोचना की है। अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं के बीच चीन ने अब शिनजियांग में रह रहे उइगर मुसलमानों को लेकर अलग ही पैंतरा अपनाया है। वह रोजगार के बहाने उन्हें यहां से दूर भेजने की कोशिशों में लगा है।
दरअसल, चीन का मानना है कि ऐसा करके वह यहां से उइगर मुसलमानों की संगठित संख्या को कम कर सकेगा, जिनकी आबादी शिनजियांग में करीब 45 प्रतिशत है। चीन की सरकार हालांकि इस बात से इनकार करती रही है कि वह शिनजियांग में किसी तरह से जनसांख्यिकीय बदलाव की कोशिश कर रही है। सरकार का कहना है कि उसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय बढ़ाना और बेरोजगारी व गरीबी को खत्म करना है।
चीनी दावों से उलट कहानी बयां करते हैं साक्ष्य
वहीं, चीन सरकार के दावों के उलट साक्ष्यों से पता चलता है कि शिनजियांग में हाल के दिनों में जहां उइगर मुसलमानों के लिए एजुकेशन कैंप बनाए गए हैं, रोजगार के नाम पर उन्हें दूर भेजने का प्रयास उनकी सोच और रहन सहन को बदलने का एक तरीका है। बीबीसी की एक रिपोर्ट में चीन सरकार की ओर से किए गए एक उच्चस्तरीय अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस नीति का मकसद अल्पसंख्यकों की जीवनशैली और उनकी सोच में बदलाव लाकर कर उन्हें मुख्यधारा में शामिल करना है।
चीन के इस अध्ययन के बारे में बताया गया है कि यह आला अधिकारियों के लिए तैयार की गई थी और उन्हें ही देखने के लिए इसे भेजा गया था। लेकिन गलती से यह अध्ययन इंटरनेट पर लीक हो गई, जिसके बाद इसका खुलासा हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन अधिकारियों का एक दल शिनजियांग के गांवों में पहुंचा था, जहां लाल बैनर के तले करीब 4 हजार किमी दूर नौकरी का विज्ञापन दिया गया। लेकिन भारी प्रचार के बावजूद स्थानीय लोगों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। अधिकारियों द्वारा इस दौरान स्थानीय लोगों पर दबाव बनाने की बात भी रिपोर्ट में कही गई है।