इस्लामाबाद : पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता मारिया इकबाल तराना ने सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। मारिया का आरोप है कि वह एक समारोह में शरीक होने के लिए राष्ट्रुपति भवन गई थीं जहां पर उन्हें उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था आम तालीम की संस्थापक इस मानवाधिकार कार्यकर्ता ने घटना के बारे में कई ट्वीट किए हैं। डेली पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक कथित पीड़िता ने ट्वीट में अपने साथ हुई 'ज्यादती' का जिक्र किया है।
अपने एक वीडियो में तराना का कहना है कि एक समारोह के लिए उन्हें राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया था। समारोह में जब वह पुहंची तो उन्हें आरोपी व्यक्ति के करीब आने के लिए कहा गया और जब उन्होंने ऐसा करने से इंकार किया तो उन्हें बताया गया कि वह समारोह के लिए आमंत्रित नहीं हैं।
मारिया ने कहा, 'सरकार के एक वरिष्ठ एवं जिम्मेदार अधिकारी के साथ शीरीरिक निकटता बनाने की मांग खारिज किए जाने के बाद मुझसे कहा गया कि मैं कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं हूं।'
मारिया ने इस घटना की जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने आरोपी व्यक्ति का नाम भी उजागर किया है। सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने एक और ट्वीट में कहा, 'जो व्यक्ति सवालों के घेरे में है, उसका नाम अफाक अहमत है, यह चीफ प्रोटोकॉफ ऑफिसर है। इस मामले की जांच किए जाने की जरूरत है और दोषी को सजा मिलनी चाहिए।'
डेली पाकिस्तान के मुताबिक तराना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में महिलाओं की स्थिति पर काम करने वाले आयोग, यूथ फोरम कश्मीर और पीपुल्स कमीशन फॉर माइनॉरटी राइट की अध्यक्षा रह चुकी हैं।