- कोरोना वायरस संक्रमण के केंद्र बने चीन के वुहान शहर से लगातार अपने देश लौट हैं छात्र
- पाकिस्तान छात्र अभी भी वुहान में फंसे हुए हैं, मदद की गुहार लगाने पर भी नहीं सुन रही है इमरान सरकार
- पाकिस्तान छात्र बोले- भारत की तरह हमें भी बाहर निकालों, इमरान सरकार पर निकाल रहे हैं भड़ास
वुहान: चीन में इस समय कोराना वायरस का कहर जारी है। दुनिया के तमाम देशों ने वुहान या उसके आस-पास फंसे अपने-अपने नागरिकों और छात्रों को एयरलिफ्ट करना शुरू कर दिया है। कोरोना वायरस के कारण चीन में सैंकड़ों लोगों की जान जा चुकी है ऐसे में कोई भी देश अपने नागरिकों पर मुसीबत नहीं आने देना चाहता है। लेकिन इन सबके बीच पाकिस्तान ने अपने छात्रों को मानों कोरोना वायरस के लिए ही चीन में छोड़ दिया है। ये छात्र लगातार सोशल मीडिया के जरिए मदद की गुहार लगा रहे हैं लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसमें दिख रहा है कि यह एक बहुमंजिला इमारत की खिड़की से शूट किया गया है। वीडियो में दिख रहा है कि नीचे सड़क पर कुछ गाड़िया हैं जो छात्रों को वहां से निकाल रही हैं।
वीडियो में पाकिस्तानी छात्र कहता है, 'ये वो छात्र हैं जिन्हें सुरक्षित तरीके से आज निकाला जा रहा है और उनके घर पहुंचाया जा रहा है। हमारा काम बस यही रह गया है कि हम इस खिड़की से रोज किसी ना किसी देश के लोगों को जाते हुए देख रहे हैं और हमें अपनी बेबसी पर तरस आ रहा है। कुछ शर्म कर लो पाकिस्तानी हुक्मरानों। अगर आप में कुछ शर्म का जर्रा बराबर भी बचा है तो प्लीज कर लो। यहां पर देखों इन लोगों को। अगर आपके बच्चे भी इसी तरह फंसे होते तो क्या आपका जवाब यही होता कि हम इन्हें बाहर नहीं निकालेंगे? चाहे आप जिंदा होते हैं या मर जाते हैं'
वहीं बिलाल हुसन नाम के एक छात्र ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'जहाँ कल बांग्लादेश और भारत ने अपने छात्रों को निकाला था वहीं आज भी म्यांमार सरकार ने अपने छात्रों को वुहान से निकाल दिया है। केवल गरीब अफ्रीकी और पाकिस्तानी यहां हैं। यह मौत का आतंक नहीं है, लेकिन हम विश्व स्तर पर कहां खड़े हैं। शर्म की बात है।'
वुहान के विभिन्न विश्वविद्यालयों में करीब 600 से ज्यादा पाकिस्तानी छात्र पढ़ रहे हैं और उनमें से कुछ को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि भी हो गई है। मदद की गुहार लगा रहे ये पाकिस्तानी छात्र चाहते हैं कि उन्हें भी चीन से एयरलिफ्ट कराकर पाकिस्तान ले जाया जाए, लेकिन इमरान सरकार है कि उसे अपने नागरिकों से ज्यादा चिंता चीन की है। पाकिस्तानी छात्र सोशल मीडिया के जरिए लगातार मदद की कि गुहार लगाते हुए कह रहे हैं कि जिस तरह भारत ने अपने छात्रों को एयलिफ्ट किया उसी तरह का कदम पाकिस्तानी हकुमत भी उठाए।