नई दिल्ली: चीन के वुहान में फंसे लगभग 300 भारतीयों को निकालने के लिए एयर इंडिया का विमान शुक्रवार को दिल्ली से वुहान गया है। इसके लिए भारतीय अधिकारी पिछले कुछ दिनों से चीन के संपर्क में थे, जिसने वुहान को पूरी तरह लॉकडाउन कर रखा है। भारतीय सेना ने चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस फैलने के मद्देनजर वहां से वापस लाए जा रहे करीब 300 भारतीय छात्रों को रखने के लिए दिल्ली के पास मानेसर में एक पृथक केंद्र बनाया है।
इस पूरी प्रक्रिया के तहत इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले जांच की जाएगी और पृथक देखभाल मानेसर में होगी।यदि किसी व्यक्ति के संक्रमित होने का संदेह होगा, उसे बेस अस्पताल, दिल्ली छावनी में भेजा जाएगा।
भारतीय सेना ने यह केंद्र मानेसर के पास बनाया है जहां छात्रों पर दो सप्ताह तक कुशल चिकित्सकों और सहायक कर्मियों की एक टीम द्वारा किसी संक्रमण को लेकर नजर रखी जाएगी।चीन के हुबेई प्रांत में फंसे भारतीय छात्रों को लाने के लिए एअर इंडिया की एक उड़ान शुक्रवार को वुहान रवाना हुई। उड़ान के शुक्रवार देर रात दो बजे भारत लौटने की संभावना है।
वहीं आईटीबीपी ने कोरोना वायरस से प्रभावित संदिग्ध लोगों को बुनियादी चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए दिल्ली में 600 बिस्तरों वाला पृथक केंद्र तैयार किया है। दक्षिण पश्चिम दिल्ली के छावला इलाके में भारत तिब्बत सीमा पुलिस कैंप में यह व्यवस्था शुरू कर दी गयी है।
कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर की जा रही तैयारियों के तहत 600 बिस्तरों वाले इस केंद्र में 25 डॉक्टरों की एक टीम मौजूद रहेगी । इस टीम में 15 सफदरजंग अस्पताल के और 10 आईटीबीपी के डॉक्टर होंगे। संक्रमण के संदिग्ध मरीज के वास्ते बनाए गए पृथक केंद्र पर बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है।
गौरतलब है कि चीन में इस जानलेवा संक्रमण का मामला सामने आने के बाद कई देशों ने इस देश की यात्रा नहीं करने को लेकर अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी भी जारी की तो कुछ देशों ने चीन और इसके शहर वुहान की यात्रा को ही प्रतिबंधित कर दिया। भारत ने भी अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी।