- विशेष अदालत ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, सैन्य तानाशाह मुशर्रफ को फांसी की सजा
- देशद्रोह मामले में हुई सजा, 2007 में देश पर आपातकाल थोपने का लगा है आरोप
- अपने इलाज के लिए इस समय दुबई में हैं परवेज मुशर्रफ, 2016 में छोड़ चुके हैं देश
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति एवं सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई है। मुशर्रफ को यह सजा देशद्रोह के मामले में सुनाई गई है। मीडिया रिपोर्टों में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। मुशर्रफ इलाज के लिए दुबई में हैं।
पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी पूर्व सैन्य प्रमुख को फांसी की सजा सुनाई गई है। पेशावर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अगुवाई वाली तीन सदस्यों की पीठ ने देशद्रोह के मामले में मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई है। मुशर्रफ इस समय अपने इलाज के लिए दुबई में हैं। नवंबर 2007 में देश में आपातकाल थोपने के लिए पूर्व राष्ट्रपति एवं सैन्य तानाशाह राजद्रोह के केस का सामना कर रहे थे और यह मामला दिसंबर 2013 से लंबित था।
एक पाकिस्तानी न्यूज पोर्टल के मुताबिक दिसंबर 2013 में मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ और उन्हें इस केस में 31 मार्च 2014 को दोषी ठहराया गया। इसी साल सितंबर में अभियोजन पक्ष ने विशेष अदालत के समक्ष मुशर्रफ के खिलाफ समक्ष साक्ष्य रखा लेकिन अपीलीय मंचों पर मुकदमे में सुनवाई में हुई देरी के चलते मुशर्रफ मार्च 2016 को देश छोड़कर दुबई चले गए।
विशेष अदालत के जस्टिस सेठ, सिंध हाई कोर्ट के जस्टिस नजर अकबर और लाहौर हाई कोर्ट के जस्टिस शाहीद करीम ने इस मामले में अपना फैसला 19 नवंबर को सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने उस समय कहा था कि वह मौजूदा रिकॉर्ड के आधार पर अपना फैसला 28 नवंबर को सुनाएगी। बता दें कि परवेज मुशर्रफ ने साल 2010 में अपनी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एपीएमएल) नाम से पार्टी बनाई। साल 2013 के आम चुनाव में एपीएमएल ने चुनाव लड़ा। हालांकि मुशर्रफ को इस चुनाव में अयोग्य घोषित कर दिया गया।