- ट्रस को सोमवार को कंजरवेटिव पार्टी का प्रमुख चुना गया
- पीएम पद की रेस में उन्होंने अपनी पार्टी के ही सुनक को हराया
- ट्रस के सामने कई चुनौतियां हैं, उन्हें अपने वादों पर खरा उतरना होगा
Liz Truss new PM of Britain : लिज ट्रस ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री बन गई हैं। क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने मंगलवार को पीएम पद पर उनकी नियुक्ति की। रॉयल फैमिली की ओर से ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी गई। ट्वीट में कहा गया कि महारानी ने आज बालमोरल कैसल में लिज ट्रस से मुलाकात की। उन्होंने लिज ट्रस से नई सरकार का गठन करने के लिए कहा। उनकी इस पेशकश को ट्रस ने स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही ट्रस को पीएम एवं राजकोष का पहला संरक्षक नियुक्त कर दिया गया।
सोमवार को जीती पीएम पद का चुनाव
बता दें कि ट्रस को सोमवार को कंजरवेटिव पार्टी का प्रमुख चुना गया। पीएम पद की इस रेस में उन्होंने भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हराया। यह पहला मौका है जब ब्रिटेन के किसी नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति परंपरा के अनुसार बकिंघम पैलेस में न होकर स्कॉटलैंड में हुई है। रिपोर्टों के मुताबिक क्वीन से मुलाकात के बाद नई प्रधानमंत्री लंदन लौटेंगी और डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय के बाहर मीडिया से बातचीत करेंगी।
ब्रिटेन की तीसरी महिला पीएम हैं ट्रस
45 वर्षीया लिज ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री हैं। पार्टी से नया पीएम चुनने के लिए कंजरवेटिव सदस्यों ने पोस्टल बैलेट से मतदान किया। इस वोटिंग में लिज को 81,326 वोट जबकि सुनक को 60,399 वोट मिले। पीएम पद का चुनाव जीतने के बाद अपने ट्वीट में ट्रस ने कहा, 'कंजरवेटिव पार्टी का नेता चुने जाने पर मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मुझमें भरोसा जताने के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करती हूं। मैं देश और लोगों को कठिन समय से बाहर निकालने के लिए बड़े कदम उठाऊंगी।'
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लिज के सामने हैं कई चुनौतियां
लिज ऐसे समय में 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कदम रख रही हैं जब कंजरवेटिव पार्टी के विचार और मतदाताओं के एक बड़े तबके के अनुभव अलग-अलग हो रहे हैं। जैसा कि ब्रिटेन के लोग खुद को जीवन-यापन के संकट के घेरे में पाते हैं, ट्रस और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी, ऋषि सनक के बीच नेतृत्व की बहस कर कटौती की सीमा पर केंद्रित थी, जनता पर उस समय बोझ डालना जब वह उसे झेलने की स्थिति में नहीं है। यह पुराने और धनी कंजर्वेटिव सदस्यों के लिए आनंद की बात हो सकती है, लेकिन मतदाताओं के एक बड़े वर्ग के लिए यह उनके साथ अन्याय जैसा था।