- क्वीन एलिजाबेथ सबसे ज्यादा समय तक ब्रिटेन की महारानी रही हैं
- जीवन के अंतिम समय में भी एलिजाबेथ काफी एक्टिव रहती थीं
- मरने से दो दिन पहले ही ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री को उन्होंने नियुक्त किया था
Queen Elizabeth Lifestyle: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय पूरी दुनिया में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी में से एक थीं। उन्होंने 70 साल से ज्यादा समय तक ब्रिटेन समेत अन्य कई देशों पर शासन किया। मौत के समय भी महारानी, ब्रिटेन समेत 15 देशों की महारानी थीं। उनकी मौत जब हुई तब वो 96 साल की थीं। इस उम्र में भी काफी ऐक्टिव रहती थीं। तो आइए जानते हैं, उनके जीवन का वो रहस्य, जिससे वो इतने सालों तक जीवित रहीं...
ऐसी थी उनकी लाइफस्टाइल
क्वीन एलिजाबेथ की लाइफस्टाइल बहुत सिंपल थी, लेकिन वो अपनी रूटीन की पक्की थीं। हेल्दी खाना, व्यायाम, तय समय पर सोना और तय समय पर जागना, उनकी रूटिन का हिस्सा था।
शेफ ने किया खुलासा
महारानी एलिजाबेथ के शाही शेफ डैरेन मैकग्राडी ने हाल ही में उनके खानपान को लेकर खुलासा किया है। पूर्व शाही शेफ ने अपनी पुस्तक 'ईटिंग रॉयली: रेसिपीज एंड रिमेंब्रेंस फ्रॉम अ पैलेस किचन' में महारानी की खाने की पसंद और खाने की आदतों के बारे में लिखा है।
एलिजाबेथ आमतौर पर एक दिन में चार बार भोजन करती थीं। जिसमें नाश्ता, दोपहर का भोजन, दोपहर की चाय और रात का खाना शामिल था। लगभग 15 वर्षों तक बकिंघम पैलेस के लिए काम करने वाले शेफ मैकग्राडी के अनुसार, 94 वर्षीय महारानी ने कभी पिज्जा नहीं खाया। किताब से यह भी पता चला है कि महारानी को चॉकलेट बिस्किट, केक और डार्क चॉकलेट बहुत पसंद था। महारानी कैलोरी के हिसाब से कभी खाना नहीं खाती थीं।
खाने में ये था शामिल
महारानी का नाश्ता सिंपल था। वे एक कटोरी साबूत अनाज या दही लेतीं थीं। महारानी दोपहर के भोजन में पालक के साथ ग्रील्ड मछली लेती थीं।कभी-कभी सलाद के साथ लो-कार्ब ग्रिल्ड चिकन भी खाती थीं। दोपहर की चाय के साथ महारानी को जैम और टोस्ट भी लेती थीं। वहीं रात के खाने में वो कभी भी स्टार्च नहीं खाती हैं, जिसका अर्थ है आलू, पास्ता और यहां तक कि चावल उनके डाइट में नहीं होता था। वह रात के खाने के लिए गाढ़े मलाईदार सॉस के साथ गेलिक स्टेक पसंद करती थीं।
व्यायाम था पसंद
महारानी बहुत ज्यादा व्यायाम नहीं करती थीं, लेकिन उनका एक तय योगा था जो वो रोज करती थीं। महारानी घुड़सवारी की शौकीन थीं। कुत्तों के साथ भी घूमती थीं। प्रकृति के नजदीक रहना उन्हें पसंद था। रात के 11 बजे तक वो सोने के लिए चली जाती थीं और सुबह सात बजे तक जाग जाती थीं।