- सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की कनाडा में गोली मारकर हत्या
- पंजाबी मूल के कनाडाई सिख रिपुदमन सिंह पर पर लगे थे खालिस्तानी होने के आरोप
- 1985 में एयर इंडिया कनिष्क बम विस्फोट मामले में आया था नाम
टोरंटो: सिख अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन के समर्थक रहे रिपुदमन सिंह मलिक की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। रिपुदमन सिंह वहीं शख्स था जिसका नाम एयर इंडिया में हुए बम धमाकों में भी सामने आया था लेकिन 2005 में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया था। गुरुवार को मलिक की कथित तौर पर ब्रिटिश कोलंबिया के वैंकूवर में स्थित अपने दफ्तर जाते समय गोली मार दी गई थी। रिपुदमन सिंह ने इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते की थी और सिख समुदाय के लिए उनकी सरकार की तरफ से उठाए गए अभूतपूर्व कदमों के लिए आभार व्यक्त किया था।
एअर इंडिया धमाके में आया था नाम
खबर की पुष्टि करते हुए, मलिक के बहनोई जसपाल सिंह ने एएनआई को बताया, 'हम नहीं जानते हैं कि रिपुदमन को किसने मारा। उसकी छोटी बहन कनाडा जा रही है।' मलिक उन व्यक्तियों में से एक थे जिन पर एअर इंडिया की फ्लाइट 182 कनिष्क पर बमबारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया था। 23 जून 1985 को आयरलैंड के तट से दूर कनाडा से एयर इंडिया की उड़ान 182 "कनिष्क" पर एक बम विस्फोट हुआ, जिसमें 329 यात्री और चालक दल के लोग मारे गए थे। इसमें 280 से अधिक कनाडाई नागरिक शामिल थे जिनमें 29 पूरे परिवार और 12 वर्ष से कम उम्र के 86 बच्चे शामिल थे।
बब्बर खालसा से भी जुड़ा रहा
रिपुदमन मलिक कथित तौर पर पंजाब में कई आतंकवादी घटनाओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा था और एयर इंडिया बमबारी के कथित मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार का करीबी सहयोगी भी था। बब्बर खालसा, एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन है और अमेरिका, कनाडा और भारत सहित कई देशों द्वारा प्रतिबंधित है। मलिक और उनके सह-आरोपी अजैब सिंह बागरी को 2005 में सामूहिक हत्या और साजिश के आरोपों से बरी कर दिया गया था। मलिक ने अपने बरी होने से पहले चार साल जेल में बिताए और बाद में कानूनी शुल्क के रूप में 9.2 मिलियन अमेरिकी डालर की मांग की, हालांकि ब्रिटिश कोलंबिया के एक न्यायाधीश ने मुआवजे के उनके दावों को खारिज कर दिया।