- रूस ने पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी इलाकों दोनेत्स्क एवं लुहांस्क स्वतंत्र देश की मान्यता दी है
- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस कदम के बाद पश्चिमी देशों के साथ टकराव और बढ़ गया है
- यूक्रेन के ताजा हालात पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई है
Ukraine Russia news latest : पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों दोनेत्स्क एवं लुहांस्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने के बाद रूस और पश्चिमी देशों के बीच टकराव और बढ़ गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के इन दोनों क्षेत्रों को स्वतंत्र देश की मान्यता देने के साथ-साथ अलगाववादी नेताओं को सैन्य एवं आर्थिक मदद देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पुतिन ने इन दोनों क्षेत्रों के लिए रूसी सैनिकों को रवाना कर दिया है। पूर्वी यूक्रेन पर रूस के इन फैसलों ने अमेरिकी सहित पश्चिमी देशों को नाराज कर दिया है।
पश्चिमी देशों ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
दोनेत्स्क एवं लुहांस्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने पर पश्चिमी देशों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि रूस के इस कदम से यूक्रेन की शांति, स्थिरता, संप्रभुता एवं अखंडता खतरे में पड़ गई है। उन्होंने पूर्वी यूक्रेन पर एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं। वहीं यूरोपीय संघ (EU) ने कहा है कि पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने पर रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाएगा।
अलगाववादियों का गढ़ है पूर्वी यूक्रेन
पूर्वी यूक्रेन जिसमें दोनेत्स्क एवं लुहांस्क क्षेत्र आते हैं। इन क्षेत्रों को रूस समर्थित अलगाववादियों का गढ़ माना जाता है। ये अलगाववादी अपने इस क्षेत्र को स्वतंत्र देश की मान्यता देने के लिए यूक्रेन के साथ हिंसक संघर्ष करते आए हैं। अब रूस इन इन दोनों क्षेत्रों को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी है। साथ ही इन्हें सैन्य एवं आर्थिक मदद देने का वादा भी किया है। इन दोनों क्षेत्रों के लिए रूस की सेना रवाना भी हो गई है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने दोनेत्स्क एवं लुहांस्क को स्वतंत्र देश का दर्जा दिए जाने के बारे में फैसला अपनी सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद लिया।
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यूक्रेन आज जो कुछ भी है वह रूस की देन है-पुतिन
टेलिविजन पर प्रसारित अपने संदेश में पुतिन ने कहा, 'यूक्रेन आज जो कुछ भी है वह रूस की देन है लेकिन वह आज पश्चिमी देशों के हाथों खेल रहा है। इससे रूस की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। यूक्रेन केवल पड़ोसी देश नहीं है बल्कि वह रूस के इतिहास का हिस्सा रहा है।' पुतिन ने आरोप लगाया कि यूक्रेन पश्चिमी देशों के इशारे पर काम कर रहा है।
रूस पर EU लगाएगा आर्थिक प्रतिबंध
रूस के इस कदम ने यूक्रेन पर पहले से जारी तनाव में आग में घी डालने जैसा काम किया है। जाहिर है कि अमेरिका और पश्चिमी देश मास्को के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने जो बाइडेन ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। बाइडेन ने पूर्वी यूक्रेन के साथ कारोबार, निवेश एवं आर्थिक सहायता पर रोक लगाने वाले एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं। पश्चिमी देशों ने भी संकेत दिया है कि वे रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाएंगे। यूरोपीय संघ ने कहा है कि दोनेत्स्क एवं लुहांस्क को स्वतंत्र देश की मान्यता देने में शामिल देशों पर प्रतिबंध लगाएगा। ब्रिटेन भी रूस पर प्रतिबंधात्मक कदमों की घोषणा करने वाला है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि वह रूस के अवैध कदमों के जवाब में उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने की मांग करते हैं।
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पूर्वी यूक्रेन में रूस ने भेजे सैनिक
पूर्वी यूक्रेन के दोनों अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र देश की मान्यता देने के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इन दोनों क्षेत्रों में अपने सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है। पुतिन का कहना है कि दोनेत्स्क एवं लुहांस्क में शांति बनाए रखने के लिए सेना भेजना जरूरी है। रिपोर्टों के मुताबिक पुतिन ने दो आधिकारिक संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने रक्षा मंत्रालय को पूर्वी इलाकों में शांति कायम रखने का निर्देश दिया है। टेलिविजन पर प्रसारित अपने संदेश में पुतिन ने कहा, 'यह फैसला पहले ही कर लेना चाहिए था।'