- अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रूस 14 अन्य देशों के साथ मिलकर काम करता है।
- नासा के अनुसार, अब तक 19 देशों के 243 लोग अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा कर चुके हैं।
- अंतरिक्ष केंद्र में फिलहाल नासा के चार, रूस के दो और एक यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं।
Russia-Ukraine War: जमीन पर रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई अब अंतरिक्ष में पहुंच सकती है। प्रतिबंधों से बौखलाए रूस ने धमकी दी है कि अगर प्रतिबंध नहीं हटाए गए तो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन(International Space Station) खतरे में पड़ सकता है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस (Roscosmos) ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 'नासा' और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को एक पत्र लिखकर कहा है रूस पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए। और अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) खतरे में पड़ सकता है। रॉसकॉस्मॉस के प्रमुख दमित्री रोगोजिन ने शनिवार को टेलीग्राम पर लिखा है कि पत्र में अमेरिकी, कनाडाई और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों से कहा है कि अगर रूस पर प्रतिबंध लगे रहे तो अंतरिक्ष स्टेशन को नुकसान हो सकता है।
अंतरिक्ष केंद्र में मौजूद हैं यात्री
दमित्री रोगोजिन ने कहा है कि रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के क्रैश होने का कारण बन सकते हैं। उन्होंने एक नक्शे के जरिये यह भी बताने की कोशिश की है कि अगर अंतरिक्ष केंद्र क्रैश होता है तो किन क्षेत्रों में स्टेशन का मलबा गिर सकता है। उन्होंने यह भी कहा है कि यह रूस के शायद ही किसी हिस्से में गिरेगा। अंतरिक्ष केंद्र में फिलहाल नासा के चार, रूस के दो और एक यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं।
कैसे काम करता है अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन
नेचर मैगजीन के अनुसार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रूस 14 अन्य देशों के साथ मिलकर काम करता है। जिसमें स्टेशन का एक हिस्सा रूस द्वारा निर्मित और कॉस्मोनॉट्स द्वारा संचालित है। जबकि दूसरा हिस्सा अमेरिका, यूरोप, जापान और कनाडा की अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा बनाया और चलाया जाता है। प्रत्येक केंद्र प्रमुख सेवाओं के लिए एक- दूसरे पर निर्भर है। स्टेशन का नासा के अगुवाई वाला हिस्सा रूस के हिस्से को बिजली प्रदान करता है, जबकि रूस कक्षीय नियंत्रण करता है । जो कि आईएसएस को कम ऊंचाई पर गिरने और पृथ्वी के वायुमंडल में विघटित होने से रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नासा के मुताबिक, अंतरिक्ष स्टेशन सामान्य रूप से काम कर रहा है। किसी भी अंतरिक्ष यात्री या अंतरिक्ष यात्री ने यूक्रेन पर आक्रमण के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा है।
क्या करता है अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन, एक बड़ा यान है जो अंतरिक्ष में एक बड़ी प्रयोगशाला की तरह है। इसमें अंतरिक्ष यात्री हफ्तों या महीनों तक रहते हैं और माइक्रोग्रैविटी में रहकर विभिन्न प्रकार के प्रयोग करते हैं। यह 1998 से संचालित किया जा रहा है। नासा के अनुसार, अब तक 19 देशों के 243 लोग स्टेशन का दौरा कर चुके हैं। अभी तक अंतरिक्ष स्टेशन पर राजनीति का असर नहीं पड़ा है। लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण इसको लेकर भी कई आशंकाएं जताई जा रही है। ऐसा नहीं है कि रोगोजिन अंतरिक्ष स्टेशन को लेकर पहली बार धमकी दे रहे हैं। इसके पहले फरवरी में, जब अमेरिका ने यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस के खिलाफ शुरूआती प्रतिबंधों की घोषणा की थी। तब उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर वाशिंगटन सहयोग करने में विफल रहा तो आईएसएस गिर सकता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)