मास्को : रूस में बीते कुछ समय में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का विरोध तेज हो गया है। पुतिन के खिलाफ जिस तरह युवा सड़कों पर उतर रहे हैं और भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं, वह राजनीतिक विश्लेषकों को भी हैरान कर रहा है, क्योंकि पुतिन बीते दो दशकों से रूस में सत्ता के शिखर पर बने हुए हुए हैं और उनके कार्यकाल के दौरान विपक्ष का कहीं नामोनिशान नहीं बचा है। उनके खिलाफ जो आरोप लग रहे हैं, उनमें भ्रष्टाचार का मुद्दा प्रमुखता से छाया हुआ है और लोग अरबों डॉलर के आलीशान महल को लेकर खूब चर्चा कर रहे हैं, जिसमें सरकारी फंड के इस्तेमाल का आरोप लग रहा है।
रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ यह गंभीर आरोप लगाने वाले नेता एलेक्सी नवलनी हैं, जो बीते वर्षों में पुतिन के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरे हैं। रूस में इन दिनों पुतिन के खिलाफ जो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, उसकी अगुवाई नवलनी (44) कर रहे हैं, जिन्हें पैरोल की शर्तों के उल्लंघन के आरोप में 17 जनवरी को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वह जर्मनी से लौटे थे। पुतिन के मुखर आलोचक और भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के अगुवा नवलनी इलाज के बाद जर्मनी से लौटे थे। बीते साल अगस्त में उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए जर्मनी ले जाया गया था।
जर्मनी के बर्लिन में 17 जनवरी को रूस के मास्को लिए विमान में सवार एलेक्सी नवलनी
नवलनी को खूब मिल रहा समर्थन
नवलनी ने तब आरोप लगाया था कि उन्हें एक हवाई यात्रा के दौरान नोविचोक नाम का नर्व एजेंट (जहर) दिया गया था। उन्होंने इसके लिए पुतिन सरकार पर आरोप लगाए थे। हालांकि क्रेमलिन ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था। जर्मनी में लंबे इलाज के बाद रूस लौटे नवलनी को जब गिरफ्तार किया गया तो हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। राजधानी मास्को से लेकर सेंटपीटर्सबर्ग, साइबेरिया और देश के अन्य हिस्सों में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी नवलनी की रिहाई की मांग को लेकर पहले 23 जनवरी और फिर 31 जनवरी को सड़कों पर उतर आए थे।
नवलनी को न केवल घरेलू स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन मिल रहा है। पिछले दिनों रूस ने नवलनी के समर्थन को लेकर जर्मनी, पोलैंड और स्वीडन के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। आरोप लगा कि इन राजनयिकों ने 23 जनवरी को नवलनी के समर्थन में हुए 'गैर कानूनी' प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। इस मामले में रूस की एक अदालत ने बीते सप्ताह नवलनी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। रूस की पुलिस ने अब गुरुवार देर रात नवलनी के मुख्यालयों पर छापेमारी की है, जिसके बाद उनके समर्थकों में और आक्रोश देखा जा रहा है।
नवलनी की रिहाई की मांग को लेकर सेंटपीटर्सबर्ग में प्रदर्शन
पुतिन के खिलाफ क्या हैं आरोप?
नवलनी ने पहले ही पुतिन पर सरकारी फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया है और कहा कि वह अपने परिवार और 'गर्लफ्रेंड' पर सरकारी पैसा उड़ा रहे हैं। नवलनी ने बीते दिनों एक वीडियो के जरिये आरोप लगाया था कि पुतिन ने अपने लिए लगभग 100 अरब डॉलर का महल बनवाया, जिसमें 800 डॉलर के ट्वायलेट ब्रश का इस्तेमाल होता है। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था और जनवरी में रूस के विभिन्न स्थानों पर जब पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे तो इस दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथों में ट्वायलेट ब्रश भी था, जो पुतिन विरोधी प्रदर्शन का प्रतीक बन गया।
नवलनी ने पुतिन पर अरबों डॉलर के जिस आलीशान महल के निर्माण का आरोप लगाया है, उसके बारे में कई तरह की बातें सामने आई हैं, जिसके मुताबिक यह ब्लैक सी के पास है और यहां ऐशोआराम की सबसे कीमती चीजें हैं। बताया जा रहा है कि इस आलीशान महल में दो हेलीपैड है तो मूर्तियों से सजा विशाल गार्डन भी है। यहां पोल डांस के इंतजाम हैं तो प्राइवेट थियेटर और कैसिनो भी हैं। यहां कई तरह के अत्याधुनिक जिम हैं तो एक बड़ा सा कॉकटेल लाउंज भी है। मुख्य भवन में 11 बेडरूम और कई लिविंग और डाइनिंग एरिया बताए जाते हैं। समुद्र किनारे लगभग 170 एकड़ में फैला यह आलीशान भवन नो-फ्लाई जोन में आता है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 25 जनवरी को यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स से मुखातिब हुए
पहले भी सुर्खियों में रही ये रहस्यमयी प्रॉपर्टी
बताया जाता है कि यहां न तो हवाई मार्ग से और न ही सड़क मार्ग या समुद्री मार्ग से पहुंचा जा सकता है। रूस में काला सागर स्थित इस प्रॉपर्टी को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जाती हैं, जिसे लेकर नवलनी पुतिन पर निशाना साध रहे हैं। नवलनी के एनजीओ एंटी-करप्शन फाउंडेशन (FBK) ने चोरी-छिपे इसकी तस्वीरें लेने का दावा किया। बताया जा रहा है कि एनजीओ के सदस्य पहले बोट के जरिए ब्लैक सी के तट पर पहुंचे और वहां से एक ड्रोन उड़ाया, जिसके जरिये इस आलीशान महल का वीडियो बनाया गया। हालांकि यह प्रॉपर्टी किसकी है, इसे लेकर अभी तक कुछ भी साफ तौर पर सामने नहीं आया है। पुतिन के प्रवक्ता ने नवलनी के दावे को सिरे से खारिज करते हुए इसे झूठा बताया है और कहा है कि इसका पुतिन से कोई लेनादेना है।
काला सागर के किनारे स्थित जिस आलीशान महल को लेकर आज पुतिन पर आरोप लगाए जा रहे हैं, उसका जिक्र 2010 में भी सामने आया था, जब एक रूसी कारोबारी ने तत्कालीन राष्ट्रपति मेदवेदेव को पत्र लिखकर कहा था कि यह पुतिन का महल है, जिसे उनके किसी मित्र ने बनवाया है। तब पुतिन रूस के प्रधानमंत्री थे। यह मामला 2014 में भी सुर्खियों में आया था, लेकिन यह महल पुतिन का ही है, इसे लेकर कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आ सका है। कहा जा सकता है कि इसे लेकर रहस्य अब भी बरकार है, पर रूस में पुतिन के खिलाफ यह मुद्दा युवाओं को खूब आकर्षित कर रहा है, जो यहां नेतृत्व परिवर्तन की आवश्यकता बता रहे हैं।