- रूस और यूक्रेन के बीच तुर्की में बातचीत हुई है
- दोनों ने इस बातचीत को सार्थक बताया है
- इस्तांबुल वार्ता के बाद पुतिन और जेलेंस्की के बीच बैठक हो सकती है
रूस की सेना का दावा है कि वह वार्ता में विश्वास बढ़ाने के लिए यूक्रेन के कीव, चेर्निहाइव के पास ऑपरेशंस में मौलिक रूप से कटौती करेगी। रूस और यूक्रेन के बीच दो सप्ताह में पहली आमने-सामने की बातचीत मंगलवार को तुर्की में हुई, जिससे उम्मीद जगी कि युद्ध को समाप्त करने की दिशा में प्रगति हो सकती है। रूस के उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने कहा कि यह देखते हुए कि यूक्रेन की तटस्थता और गैर-परमाणु स्थिति पर एक समझौते की तैयारी पर बातचीत एक व्यावहारिक क्षेत्र में चली गई है तो कीव और चेर्निहाइव के क्षेत्रों में सैन्य गतिविधि को कई गुना कम करने का निर्णय लिया गया है।
यूक्रेन के वार्ताकार का कहना है कि इस्तांबुल वार्ता के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की की बैठक संभव है। कीव वार्ताकारों ने यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी के लिए 'अंतरराष्ट्रीय' समझौते का आह्वान किया। रूसी वार्ताकार ने कहा कि यूक्रेन के साथ सार्थक वार्ता हुई।
इस्तांबुल में हुई वार्ता ने उम्मीदें जगाईं हैं कि युद्ध को समाप्त करने की दिशा में प्रगति हो सकती है। यूक्रेन की सेना ने कहा कि उसने कीव और चेर्निहाइव के आसपास वापसी का उल्लेख किया है, हालांकि पेंटागन ने कहा कि वह रिपोर्टों की पुष्टि नहीं कर सकता। वार्ता से पहले जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश अपनी तटस्थता की घोषणा करने के लिए तैयार है, जैसा कि रूस ने मांग की है, और डोनबास के विवादित पूर्वी क्षेत्र पर समझौता करने के लिए तैयार है।
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लेकिन जैसे ही वार्ताकार इकट्ठे हुए उसी समय रूसी सेना ने पश्चिमी यूक्रेन में एक तेल डिपो पर हमला किया और दक्षिण में एक सरकारी इमारत को ध्वस्त कर दिया, जिसमें कई मौतें हुईं। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने दोनों पक्षों से कहा कि लड़ाई को रोकने की उनकी ऐतिहासिक जिम्मेदारी है। हम मानते हैं कि न्यायपूर्ण शांति में कोई हारने वाला नहीं होगा। संघर्ष को लंबा करना किसी के हित में नहीं है।