- भारत में कोरोना के हालात पर डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने गंभीर चिंता जताई
- द्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा कि संगठन भारत को मदद पहुंचा रहा है
- भारत में संकट गहराने के बाद दुनिया के की देश मदद के लिए आगे आए
जिनेवा : भारत में कोरोना संकट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख द्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने गंभीर चिंता जताते हुए इसे 'हृदय विदारक' बताया है। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों और इससे हो रही मौतों को देखते हुए संगठन संकटग्रस्त देश को मदद पहुंचा रहा है। गेब्रेयेसस ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि 'भारत की स्थिति हृदय विदारक से परे हो गई है।' डब्ल्यूएचओ का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत में कोविड-19 की स्थिति ने विकराल रूप धारण कर लिया है और अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी सहित दुनिया के तमाम देश इस महामारी से निपटने के लिए मेडकल उपकरण और दवाएं भारत भेज रहे हैं।
भारत की हरसंभव मदद कर रहे-डब्ल्यूएचओ
कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे भारत में संक्रमण की संख्या तेजी से बढ़ी है। पिछले कुछ दिनों से देश में रोजाना तीन लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं। मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में जगह नहीं बची है। अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ती मांग एवं किल्लत को देखते हुए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि 'जो कुछ भी हो सकता है, संगठन कर रहा है। हम भारत को महत्वपूर्ण उपकरण एवं जरूरी सामग्रियों की आपूर्ति कर रहे हैं।'
ब्ल्यूएचओ ने 2,000 से अधिक कर्मी तैनात किए
उन्होंने कहा कि संकट से निपटने में भारत की मदद के लिए डब्ल्यूएचओ ने 2,000 से अधिक कर्मी तैनात किए हैं और वह टीकाकरण समेत विभिन्न प्रयासों में प्राधिकारियों की मदद कर रहा है। गेब्रेयेसस ने कहा कि संगठन भारत को जो सामग्रियां भेज रहा है उनमें हजारों की संख्या में ऑक्सीजन कन्संट्रेटर्स, प्रिफ्रब्रिकेटेड मोबाइल फील्ड अस्पताल और प्रयोगशाला से जुड़ी चीजें हैं।
भारत के लिए राहत सामग्री भेज रहा अंतरराष्ट्रीय समुदाय
कोविड-19 के बढ़ते मामलों से जूझ रहे भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिकित्सा उपकरण और सामग्री भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बाइडन प्रशासन ने कहा है कि वह भारत को मदद उपलब्ध कराने के लिए 24 घंटे काम कर रहा है। कोरोना संकट पर सोमवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ बातचीत हुई। अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब और सिंगापुर ने राहत सामग्री भेजी है। यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह भारत की मदद करेगा। अमेरिका से टीका उत्पादन के लिए कच्ची सामग्री, त्वरित जांच किट और वेंटिलेटर भारत पहुंच रहे हैं।