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भारत से मजबूत होती दोस्‍ती के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर ने हिन्‍दी में खोला ट्विटर अकाउंट

Updated Aug 09, 2020 | 22:57 IST

India Iran relations: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई के नाम से हिन्‍दी में ट्विटर अकाउंट खोला गया है। इससे दो ट्वीट भी देवनागरी लिपि में किए गए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
भारत से मजबूत होती दोस्‍ती के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर ने हिन्‍दी में खोला ट्विटर अकाउंट
मुख्य बातें
  • ईरान के सर्वोच्च नेता के नाम से हिन्‍दी में ट्विटर अकाउंट खोला गया है
  • इस ट्विटर हैंडल पर उनके फॉलोअर्स की संख्‍या 1200 से अधिक है
  • उनके इस ट्विटर हैंडल से दो पोस्‍ट भी देवनागरी लिपि में किए गए हैं

तेहरान/नई दिल्‍ली : भारत के साथ मजबूत होते संबंधों के के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने हिंदी में अपना ट्विटर अकाउंट खोला है। उनके इस अकाउंट पर देवनागरी लिपि में उनकी उनका बायो लिखा है, जबकि इस ट‍ि्वटर हैंडल से उन्‍होंने दो ट्वीट भी देवनागरी लिपि में किए हैं। हालांकि इस पर अभी ब्‍लू टिक नहीं है, पर बताया जा रहा है कि उनके कई अन्‍य भाषाओं में भी ट्विटर अकाउंट हैं।

हिन्‍दी में खोला ट्विटर अकाउंट

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, ईरान के सर्वोच्‍च नेता के फारसी, अरबी, उर्दू, फ्रेंच, स्पेनिश, रूसी और अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में भी ट्विटर खाते हैं और उन्‍होंने हिन्‍दी में भी अकाउंट ओपन कर इससे दो ट्वीट किए हैं। ईरान के सर्वोच्‍च नेता के नाम से बने इस ट‍ि्वटर अकाउंट से देवनागरी में दो ट्वीट 8 अगस्‍त को किए गए हैं, जबकि इस अकाउंट पर अब तक उनके फॉलोअर्स की संख्‍या 1,275 हो गई है।

कैसे हैं भारत-ईरान के रिश्‍ते?

खामेनेई के इस नए ट्विटर हैंडल से हालांकि फिलहाल किसी भारतीय नेता को फॉलो नहीं किया जा रहा है। हिन्‍दी में ईरान के सर्वोच्‍च नेता का ट्विटर अकाउंट ऐसे समय में सामने आया है, जबकि भारत और ईरान के रिश्‍ते विगत कुछ वर्षों में मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच चाबहार परियोजना पर बड़ा समझौता 2016 में हुआ था और अमेरिका के साथ ईरान के तल्‍ख रिश्‍तों व व्‍यापारिक प्रतिबंधों के बावजूद मध्‍य-पूर्व एशिया के इस देश के साथ भारत के संबंध घनिष्‍ठ बने हुए हैं। 

चाबहार पर बड़ा करार

पिछले दिनों ऐसी रिपोर्ट भी आई थी कि ईरान ने चाबहार पोर्ट से अफगानिस्‍तान की सीमा से लगे जहेदान के बीच भारत के साथ रेल परियोजना को लेकर जो समझौता किया था, उसपर अब अकेले ही आगे बढ़ने का फैसला किया है। विपक्ष ने इसे मोदी सरकार कूटनीतिक विफलता करार देते हुए इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला था, लेकिन बाद में ईरान ने ऐसी खबरों को गलत बताया था।