काबुल : बीते साल अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता पर जब तालिबान ने कब्जा कर लिया था, तब सबसे बड़ी चिंताओं में एक यह भी थी कि लड़कियों को तालिबान के इस नए राज में स्कूल जाने की अनुमति मिलेगी या नहीं? तालिबान के शीर्ष नेतृत्व ने तब अफगानिस्तान की आधी आबादी के साथ-साथ पूरी दुनिया को आश्वस्त किया था कि तालिबान का मौजूदा शासन 1990 के दशक के इसके शासन से अलग होगा और लड़कियां स्कूल जा सकेंगी। लेकिन तालिबान अपनी ही बात से मुकर गया है। उसने यहां लड़कियों की उच्च स्कूली शिक्षा पर रोक लगाने का फैसला किया है।
अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान प्रशासन के इस फैसले से यहां छठी कक्षा से ऊपर की कक्षाओं में पढ़ने वाली लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं होगी। तालिबान के एक अधिकारी ने बुधवार को इसकी पुष्टि की तो राजधानी काबुल के आसपास के कम से कम तीन स्कूलों के शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने बताया कि किस तरह बुधवार सुबह जब लड़कियां स्कूल पहुंचीं तो उनमें एक अलग ही उत्साह देखा जा रहा था, लेकिन फिर तुरंत ही उन्हें घर जाने को कह दिया गया। यह आदेश मिलते ही बहुत सी लड़कियों की आंखों में आंसू आ गए और वे रोती हुई घर पहुंचीं।
लड़कियों की उच्च शिक्षा पर पाबंदी
तालिबान ने अफगानिस्तान में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले यह फैसला लिया है, जिसमें छठी से ऊपर की छात्रों को स्कूल जाने से रोक दिया गया है। तालिबान प्रशासन के एक अधिकारी वहीदुल्लाह हाशमी के मुताबिक, लड़कियों के उच्च शिक्षा वाले स्कूलों में जाने पर रोक संबंधी फैसला मंगलवार देर आया। हालांकि उन्होंने यह कहते हुए तालिबान प्रशासन का बचाव किया कि नेतृत्व ने यह फैसला नहीं किया है कि लड़कियों को अब कभी फिर से स्कूल जाने की अनुमति नहीं होगी।
वहीं, इस संबंध में अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्रालय की ओर से एक नोटिस भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि लड़कियों के लिए तब तक स्कूल बंद रहेंगे, जब तक कि इस्लामिक कानून और अफगान संस्कृति के अनुसार योजना तैयार नहीं कर ली जाती। इसमें छठी क्लास से ऊपर की छात्राओं को अगले आदेश तक स्कूल नहीं जाने के लिए कहा गया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जबकि इस सप्ताह की शुरुआत में ही अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्रालय ने 'सभी स्टूडेंट्स' से स्कूल आने का अनुरोध किया था।
तालिबान ने कर दिया था शिक्षा से वंचित
तालिबान के इस फैसले के बाद लोगों के जेहन में 1996 से 2001 के बीच का वह समय याद आ रहा है, जब अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान काबिज था और उसने यहां लड़कियों की शिक्षा और बाहर उनके काम करने पर बैन लगा दिया था। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तालिबान से जल्द स्कूल खोलने और महिलाओं को उनके सार्वजनिक अधिकारों से वंचित नहीं करने का अनुरोध किया है।