- अभी तक काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा अमेरिका करता आ रहा था
- 30 अगस्त को अमेरिकी सैनिकों की पूरी तरह से वापसी हो गई
- काबुल एयरपोर्ट के प्रबंधन के लिए तुर्की और कतर से हो रही बातचीत
नई दिल्ली : तालिबान और आतंकवाद से 20 वर्षों की लड़ाई के बाद अमेरिका अफगानिस्तान को छोड़कर जा चुका है। काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी अभी तक उसके कंधों पर थी लेकिन अब एयरपोर्ट पूरी तरह से तालिबान के हवाले है। काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान का नियंत्रण हो चुका है। काबुल एयरपोर्ट पर किसका विमान उतरेगा और किसका उड़ान भरेगा, फिलहाल यह तय तालिबान करेगा। अफगानिस्तान एक 'लैंड लॉक्ड' देश है। यह देश सभी तरफ से पड़ोसी मुल्कों से घिरा हुआ है।
पड़ोसी देशों की सीमा बंद है
देश पर अपना राज कायम करने के बाद तालिबान ने पड़ोसी मुल्कों से लगने वाली सीमा बंद कर दी है। काबुल एयरपोर्ट के जरिए ही अफगानिस्तान दुनिया से जुड़ा हुआ है। ऐसे में अफगानिस्तान में भविष्य में हर तरह की राहत एवं मानवीय मदद इसी एयरपोर्ट के जरिए लोगों तक पहुंचेगी। अफगानिस्तान पहले से ही संकट के दौर से गुजर रहा है। जरूरी और स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने के कगार पर हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अफगानिस्तान में करीब एक करोड़ बच्चे ऐसे हैं जिन्हें तत्काल मानवीय मदद देने की जरूरत है। ऐसे में काबुल एयरपोर्ट से उड़ानों का जारी रहना अत्यंत जरूरी है।
काबुल एयरपोर्ट के जरिए दुनिया से जुड़ा है अफगानिस्तान
जाहिर है कि काबुल एयरपोर्ट को चलाने के लिए जिस कौशल और तकनीकी योग्यता की जरूरत है, वह काबिलियत तालिबान के पास नहीं है। ऐसे में उसे दूसरे देशों की मदद लेनी पड़ेगी। अलजजीरा की रिपोर्ट की मानें तो तालिबान ने इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। तालिबान इसके लिए तुर्की और कतर से बातचीत कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान चाहता है कि इन दोनों में से कोई मुल्क जल्द से जल्द काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा एवं एटीसी की कमान संभाले। तुर्की पहले भी काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा एवं एटीसी की जिम्मेदारी संभालने की बात कह चुका था लेकिन तालिबान की ओर से यह बयान दिए जाने के बाद कि 31 अगस्त से पहले नाटो मिशन में सभी देशों को अफगानिस्तान छोड़ना होगा, तुर्की ने अपने कदम पीछे खींच लिए।
कतर और तुर्की से बातचीत कर रहा तालिबान
रिपोर्ट में फ्रांस के विदेश मंत्री जीन येस ली ड्रायन के हवाले से कहा गया है कि यह बातचीत एयरपोर्ट की सुरक्षा जल्द से जल्द संभालने के लिए हो रही है ताकि जो लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। टेलिविजन 'फ्रांस 2' के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट की सुरक्षा के बारे में सुरक्षा परिषद का जो प्रस्ताव है उसे तुरंत लागू करना चाहिए। काबुल एयरपोर्ट के प्रबंधन को लेकर कतर और तुर्की के साथ बाचतीत चल रही है। हमारी मांग एयरपोर्ट के सुरक्षित होने की होनी चाहिए।