- फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिए पिछले कई दिनों से जारी हैं प्रदर्शन
- प्रदर्शन का विरोध करने वाले टीएलपी के मुखिया साद रिजवी हुए हैं गिरफ्तार
- हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद फ्रांस ने अपने नागरिकों को पाक छोड़ने के लिए कहा है
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में हिंसा पर रोक लगाने के लिए इमरान सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब, वाट्सएप और टेलिग्राम पर सुबह 11 बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक रोक लगा दी। गृह मंत्रालय ने कहा कि उसके निर्देश पर पाकिस्तान दूरसंचार विभाग (पीटीए) ने इस सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिओ न्यूज के मुताबिक गृह मंत्रालय ने पीटीए से इस दिशा में तत्काल कदम उठाने के लिए कहा था।
रिजवी की गिरफ्तारी के बाद हिंसक हुआ प्रदर्शन
रिपोर्ट के मुताबिक पीटीए के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, 'कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।' दरअसल, कट्टरपंथी धार्मक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिए पिछले कई दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रही है। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे टीएलपी के मुखिया साद रिजवी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार चुकी है। रिजवी की रिहाई को लेकर लाहौर, कराची और इस्लामाबाद में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। पाकिस्तान सरकार ने गुरुवार को टीएलपी प्रतिबंध लगा दिया।
कौन है साद रिजवी
लाहौर की एक मस्जिद में मौलवी खादिम हुसैन रिजवी ने साल 2017 में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान नाम से अपना धार्मिक संगठन बनाया। इससे पहले उन्होंने 2011 में पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या करने वाले गर्ड मुमताज कादरी का समर्थन किया। इसकी वजह से साद राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए। साद रिवजी खामिद हुसैन रिजवी का बेटा है। 2018 के आम चुनाव में तहरीक-ए-लब्बैक को 25 लाख वोट मिले थे।
हिंसक झड़पों में 2 पुलिसकर्मी भी मारे गए
इन प्रदर्शनों में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसक प्रदर्शनों एवं झड़पों में दो पुलिसकर्मियों की जान भी गई है। वहीं, हिंसा पर नियंत्रण पाने की इमरान सरकार की सभी कोशिश अब नाकाम साबित हुई है। प्रदर्शन की वजह से शहरों में लोगों को भारी जाम का सामना करना पड़ रहा है। अपने खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए फ्रांस की सरकार ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान छोड़ने के लिए कहा है। पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दोबारा प्रकाशित किए जाने को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने अपना समर्थन दिया था। इसके बाद मुस्लिम देशों में मैक्रों का विरोध होना शुरू हुआ।