- यूक्रेन से लगती सीमा से रूस की कुछ सेना वापस अपने बैरकों में लौटी है
- इसे तनाव को कम करने की रूस की एक पहल के रूप में देखा जा रहा है
- हालांकि, तनाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, बातचीत का दौर जारी है
Ukraine Crisis : यूक्रेन संकट को लेकर तीसरे विश्व युद्ध का जो खतरा दुनिया के सामने बना हुआ था, वह कम होता दिख रहा है। रिपोर्टों में कहा गया है कि यूक्रेन सीमा की कुछ जगहों से रूस की सेना पीछे हटनी शुरू हुई है। इसे राहत भरा कदम माना जा रहा है। समाचार एजेंसी एएफपी ने कहा है कि यूक्रेन सीमा से रूस के कुछ सैनिक पीछे हटे हैं। अन्य रिपोर्टों में कहा गया है कि सीमा पर अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के बाद रूस की सेना अपने बैरकों में लौटनी शुरू हुई है।
रूस के रक्षा मंत्री ने इसे मास्को और पश्चिमी देशों के बीच तनाव कम करने वाला कदम बताया है। हालांकि, रूस की इस पहल के बाद यूक्रेन के साथ उसका तनाव खत्म हो जाएगा, इस बारे में अभी अंतिम रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता।
'कुछ जिलों से सेना की हुई वापसी'
अलजजीरा की रिपोर्ट में रूस की इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी के हवाले से कहा गया है कि देश भर में बड़े पैमाने पर सेना अभ्यास कर रही है। देश के दक्षिणी एवं पश्चिमी सीमावर्ती जिलों में सेना की कुछ यूनिटों ने अपना अभ्यास पूरा किया है और वे अपने बेस में लौट रही हैं। रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है, 'दक्षिणी एवं पश्चिमी सैन्य जिलों की यूनिटों ने अपना टास्क पूरा कर लिया है। यूनिट के हथियार एवं बख्तरबंद वाहन आज रेल एवं सड़क मार्ग से अपने सैन्य बेस पर लौटना शुरू हो जाएंगे।'
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तनाव कम करने के लिए जारी हैं कूटनीतिक कोशिशें
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव कम करने लिए अंतरराष्ट्रयी स्तर पर लगातार कूटनीतिक कोशिशें की जा रही हैं। इसी क्रम में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज मंगलवार को मास्को पहुंचे। शोल्ज की मुलाकात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ होनी है। बताया जा रहा है कि जर्मन चांसलर रूस को इस बात के लिए तैयार करेंगे कि वह यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा।
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बेल्जियम जाएंगे अमेरिकी रक्षा मंत्री
शोल्ज ने कहा है कि वह पश्चिमी देशों के इस संदेश को कि वे रूस की सुरक्षा चिंताओं पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं लेकिन मास्को यदि यूक्रेन पर हमला करता है तो वे उस पर प्रतिबंध लगाएंगे, पहुंचाने के लिए आए हैं। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भी बेल्जियम की यात्रा करने वाले हैं। यहां वह नाटो के सदस्य देशों लिथुआनिया एवं पोलैंड से मुलाकात करेंगे। ऑस्टिन की नाटो के सदस्य देशों के साथ मुलाकात ऐसे समय होने वाली है जब एक दिन पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बातचीत के जरिए समस्या के हल की उम्मीद जताई है।
यूक्रेन के लिए युद्ध नहीं लड़ना चाहते नाटो के देश
नाटो सहित दुनिया का कोई भी देश युद्ध नहीं चाहता। नाटो के सदस्य देश भी यूक्रेन के लिए युद्ध नहीं लड़ना चाहते। यूक्रेन को नाटो में शामिल किए जाने पर भी नाटो के सदस्य देशों में मतभेद है। रूस ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन को यदि नाटो में शामिल किया गया तो वह उसे बर्दाश्त नहीं करेगा। यूक्रेन को लेकर रूस की अपनी सुरक्षा चिंताएं हैं। रूस का मानना है कि यूक्रेन यदि नाटो में शामिल हो गया तो पश्चिमी देश उसकी सीमा तक आ जाएंगे जिसे वह स्वीकार नहीं कर सकता।