- यूएस कैपिटल्स में बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थकों ने जमकर मचाया उत्पात
- हिंसा एवं उपद्रव में एक महिला सहित चार लोगों की जान गई, दुनिया के देशों ने की निंदा
- चुनाव नतीजों को पलटवाना चाहते थे समर्थक, 25वें संशोधन के इस्तेमाल की उठी मांग
वाशिंगटन : यूएस कैपिटल्स में बुधवार को जो नजारा दिखाई दिया उससे दुनिया हैरान है। दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश में चुनाव नतीजों से नाराज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने अपने संसद को बंधक बनाने की असफल कोशिश की। इस हिंसा एवं उपद्रव में एक महिला सहित चार लोगों की मौत हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। ट्रंप समर्थकों के इस फसाद पर डेमोक्रेट पार्टी के सांसदों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। डेमोक्रेट पार्टी के दर्जन भर सांसदों ने संविधान के 25वें संशोधन के जरिए ट्रंप को 20 जनवरी से पहले राष्ट्रपति पद से हटाए जाने की मांग की है।
महाभियोग की तरह काम करता है 25वां संशोधन
अमेरिकी संविधान का 25वां संशोधन राष्ट्रपति को अपनी जिम्मेदारियों एवं शक्तियों का निर्वहन करने में असफल होने पर उसे पद से हटाने का प्रावधान करता है। हालांकि, संविधान के इस संशोधन का इस्तेमाल अमेरिका में अभी तक एक ही बार हुआ है, वह भी जब राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की सर्जरी हुई थी। लेकिन यूएस कैपिटल्स का फसाद देखने के बाद राजनेता एवं कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए इस संशोधन का इस्तेमाल करने का वक्त आ गया है। क्योंकि उन्होंने अपने भाषणों से समर्थकों को उकसार एवं चुनाव में अपनी हार को अस्वीकार कर पद से हटाए जाने की वैधानिक जरूरतों को पूरा कर दिया है।
संसद की जगह, कैबिनेट हटाती है राष्ट्रपति को
अमेरिका में राष्ट्रपति को उसके पद से हटाने के लिए संसद की ओर से महाभियोग लाया जाता है लेकिन राष्ट्रपति अपने दायित्वों एवं जिम्मेदारियों को पूरा करने में यदि असमर्थ है तो कैबिनेट 25वें संशोधन के जरिए दो तिहाई बहुमत से उसे पद से हटा सकती है। ऐसी सूरत में उप राष्ट्रपति, राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालते हैं।
डेमोक्रेट सदस्यों ने पेंस को लिखा है पत्र
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक हाउस ज्यूड्यूशरी कमेटी के डेमोक्रेटिक सदस्यों ने उप राष्ट्रपति पेंस को लिखे पत्र में कहा है, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रदर्शित किया है कि वे मानसिक रूप से मजबूत नहीं हैं और वह 2020 चुनाव परिणाम को स्वीकार करने एवं चुनाव बाद की प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने में असमर्थ हैं। चुनाव नतीजों को पलटने के लिए हिंसा भड़काने की राष्ट्रपति ट्रंप की इच्छा एवं लोगों के बीच तनाव पैदा करने की उनके भाषण, उन्हें 25वें संशोधन का सामना करने के योग्य बनाते हैं।'
केनेडी की हत्या के बाद 25वें संशोधन की जरूरत पड़ी
अमेरिका में 1963 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्या होने के बाद संविधान में 25वां संशोधन करने की जरूरत महसूस की गई। साल 1965 में अमेरिकी संसद ने 25वें संशोधन का प्रस्वात रखा और फिर दो साल बाद 1967 में इसे मंजूरी दी गई। राष्ट्रपति की अचानक मौत हो जाने, उसके इस्तीफे या पद संभालने में असमर्थता होने पर यह संशोधन राष्ट्रपति के उत्तराधिकारी का चयन करता है।
उप राष्ट्रपति, कैबिनेट की भूमिका अहम
इस तरह की परिस्थितियों में अभी तक इस संशोधन का इस्तेमाल नहीं हुआ है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप को जल्दी सत्ता से हटाने के लिए संविधान के इस प्रावधान का इस्तेमाल करना ज्यादा उपयुक्त होगा क्योंकि महाभियोग लाने की प्रक्रिया लंबी होती है और उसमें ज्यादा समय लगता है। हालांकि, ट्रंप के खिलाफ 25वें संशोधन का इस्तेमाल करना है या नहीं यह पूरी तरह से पेंस एवं कैबिनेट के समर्थन पर निर्भर करेगा।