- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर नवंबर 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में 'विदेशी हस्तक्षेप' मांगने का आरोप है
- आरोप है कि उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से मदद मांगी
- अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ इन्हीं आरोपों पर अब प्रतिनिधि सभा की न्यायिक समिति ने अपनी रिपोर्ट दी है, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया है
वाशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग जांच कर रही कांग्रेस की समिति ने अपनी जारी कर दी है, जिसमें उन्हें दोषी करार दिया गया है। अमेरिकी कांग्रेस के प्रथम सदन प्रतिनिधि सभा की न्यायिक समिति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग जांच कर रही थी, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया है। वहीं, व्हाइट हाउस ने इसे 'एकतरफा झूठी कार्रवाई' करार दिया है।
अमेरिकी कांग्रेस के इस सदन में डेमोक्रेट्स का बहुमत है और ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के नेता हैं। ऐसे में रिपब्लिकन्स ने इसे उनके नेता की छवि खराब करने की कोशिश भी करार दिया है। लेकिन प्रतिनिधिसभा की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि ट्रंप ने अपने व्यक्तिगत और राजनीतिक फायदे के लिए देशहित से समझौता और पद का दुरुपयोग किया। उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में अपने पक्ष में विदेशी मदद मांगने का दोषी ठहराया गया है।
ट्रंप के खिलाफ महाभियोग जांच की प्रक्रिया इन आरोपों के बीच शुरू हुई कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने 2020 में होने वाले चुनाव को प्रभावित करने के लिए किसी 'अन्य देश से हस्तक्षेप' का अनुरोध किया। ट्रंप पर आगामी राष्ट्रपति चुनाव में संभावित डेमोक्रेट प्रत्याशी व पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से मदद मांगने का आरोप है।
मामले की शुरुआत इस खुलासे के बाद हुई कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने यूक्रेन के समकक्ष वोलोदिमिर जेलेंस्की से 25 जुलाई को फोन पर बात कर उनसे बाइडेन और उनके बेटे हंटर के यूक्रेन में गैस ड्रिलिंग कंपनी से जुड़े कारोबार की जांच करने के लिए कहा और ऐसा नहीं करने पर यूक्रेन को अमेरिका से मिलने वाली लगभग 40 करोड़ डॉलर की सहायता राशि रोकने की भी चेतावनी दी।
आरोप है कि ट्रंप ने ऐसा इसलिए किया, ताकि राष्ट्रपति चुनाव से पहले वह बाइडेन की छवि खराब कर सकें। हालांकि ट्रंप प्रशासन ने इन आरोपों को झुठलाया है। अब एक बार फिर इस मामले में प्रतिनिधिसभा की न्यायिक समिति की रिपोर्ट आने के बाद व्हाइट हाउस ने इसे खारिज किया है तो खुद ट्रंप ने अपने खिलाफ महाभियोग सुनवाई को 'देशद्रोह' करार देते हुए कहा कि यह 'हमारे देश के लिए बुरी बात है।'