- कश्मीर मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप का एक बार फिर मध्यस्थता राग
- डोनाल्ड ट्रंप बोले- पाकिस्तान के साथ भारत का भी तैयार होना जरूरी
- 'अकेले इमरान खान के चाहने से कुछ नहीं होगा'
नई दिल्ली। ह्यूस्टन में हाउडी कार्यक्रम में जिस अंदाज में दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स यानि डोनाल्ड ट्रंप ने जब पीएम नरेंद्र मोदी और भारत की तारीफ की तो पाकिस्तान जलभून गया था। उसके रणनीतिकारों करीब 24 घंटे इस विषय पर मंथन करते रहे कि जब न्यूयॉर्क के होटल में इमरान खान और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बातचीत होगी तो एजेंडा क्या होगा। पाकिस्तान के पास वैसे तो कहने को कुछ नहीं था, आर्थिक विषय पर वो इमदाद से ज्यादा कुछ कह नहीं सकता है सो इमरान खान ने कुछ कहा भी नहीं। इमरान खान, डोनाल्ड ट्रंप के सामने बैठे थे जैसे लग रहा था कि उनका आत्मविश्वास डिगा हुआ है और जुबां पर वहीं राग था जो वो बार बार कहते हैं। जैसे ही इमरान खान ने कश्मीर का नाम लिया डोनाल्ड ट्रंप ने कहा भारत से हमारे संबंध बेहतरीन हैं।
इमरान खान ने अफगानिस्तान, ईरान और भारत का जिक्र किया। इस सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि इन सभी देशों के साथ बेहतर संबंध समय की मांग है। ये बात सच है कि अगर पाकिस्तान के साथ हमारा संबंध अच्छा है तो भारत के साथ संबंधों को वो नई ऊंचाई पर देखते हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों देश अमेरिका के लिए अहम हैं और दोनों देशों के पीएम से उनके बेहतर संबंध हैं। कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मध्यस्थता के लिए तैयार हैं।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान पहले की ही तरह बातचीत की शुरुआत कश्मीर से की। उन्होंने अमेरिका से अपील करते हुए कहा कि इस विषय पर उसका दखल देना जरूरी है। ये बात अलग है कि ट्रंप ने कहा कि इमरान खान के अकेले चाहने से कुछ नहीं होगा। उसके लिए भारत का भी तैयार होना जरूरी है। जहां तक भारत की बात है कि पीएम मोदी से उनके बेहतर संबंध हैं। वो उनकी बातों से इत्तेफाक रखते हैं। लेकिन इसके साथ ही गोलमोल जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा कि आज के मौजूदा हालात में पाकिस्तान के साथ अमेरिका अपने संबंधों को आगे बढ़ना चाहेगा।
जब पत्रकारों ने डोनाल्ड ट्रंप से पूछा कि कश्मीर में आतंकवाद के बारे में क्या वो पीएम मोदी की चिंता से वाकिफ हैं, तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान की बात न करते हुए ईरान का जिक्र किया। हलांकि उन्होंने कहा कि वो कश्मीर के विषय पर सार्थक हल होते हुए देखना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि इसमें दो मत नहीं कि वैश्विक शांति के लिए आतंकवाद खतरा है और इस चुनौती का सामना करने के लिए सभी देशों को पूर्वाग्रह रहित होकर जमीन पर काम करना होगा।