Water crisis in Pakistan : महंगाई, अर्थव्यवस्था, बिजली संकट सहित कई मोर्चों पर बुरी तरह घिरे पाकिस्तान में अब नया संकट पैदा हो गया है। देश में पैदा हुए पानी संकट ने सरकार के सामने नई मुश्किल खड़ी कर दी है। पानी की कमी की वजह से कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। देश के कई इलाकों में सूखा पड़ने का खतरा मंडरा रहा है। कृषि आधारित जो उद्योग हैं, वे लड़खड़ाने लगे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि देश के बड़े भू-भाग में गहराए इस पानी के संकट को दूर करने के लिए शहबाज सरकार गंभीर नहीं है।
समस्या दूर करने के प्रति सरकारें गंभीर नहीं
'डेली टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक वाटर एड पाकिस्तान के निदेशक आरिफ जब्बार खान ने कहा, 'जल प्रबंधन एवं संरक्षण में निवेश कर जल संकट से निपटने के लिए सरकार की तरफ से पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि देश और राज्य की सरकारें इस तरफ गंभीर नहीं हैं।
पाकिस्तान की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 23 प्रतिशत
पाकिस्तान की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 23 प्रतिशत है लेकिन सरकार कृषि क्षेत्र की समस्या दूर करने के बारे में गंभीर नहीं है। इससे ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और अंतत: राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान इस समय करीब 50 फीसदी पानी की कमी से जूझ रहा है। इस स्तर का संकट 1991 के बाद पहली बार पैदा हुआ है।
बैराजों में कम हुआ पानी
देश के बैराजों में पानी की भयंकर किल्लत हो गई है। इन बैराजों में 50 से 70 प्रतिशत कम पानी बचा है। विशेषज्ञों इस पानी संकट के पीछे इस साल कम मात्रा में हुई बर्फबारी और बारिश को मान रहे हैं।