जेनेवा : ऐसे में जबकि पूरी दुनिया एक बड़े स्वास्थ्य संकट से जूझ रही है, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को दी जाने वाली फंडिंग रोकने का ऐलान किया है। अमेरिका के इस कदम से वैश्विक महामारी से निपटने को लेकर डब्ल्यूएचओ द्वारा उठाए जा रहे कदमों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। अमेरिका के इस कदम पर डब्ल्यूएचओ ने अफसोस जताया है तो ईरान ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अमेरिका लोगों को मार रहा है।
'हम समीक्षा करेंगे'
अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ पर कोरोना वायरस महामारी के कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए उसे दिए जाने वाले 40 करोड़ डॉलर के अनुदान पर रोक लगाने की घोषणा की है, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए वैश्विक स्वास्थ्य संगठन ने अफसोस जताया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेडरोस अदानोम गेब्रेयसस ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कहा कि इसकी समीक्षा की जा रही है कि अमेरिका के इस कदम से वैश्विक स्वास्थ्य संगठन के कामकाज पर क्या असर होगा। उन्होंने कहा, 'अगर किसी तरह की वित्तीय बाधा आती है तो हम अपने पार्टनर्स के साथ मिलकर अपने कामकाज को बिना किसी बाधा के जारी रखने को सुनिश्चित करेंगे।'
ईरान की तल्ख प्रतिक्रिया
वहीं, अमेरिका के इस कदम पर ईरान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा, 'महामारी के दौरान अनुदान को रोकना शर्मनाक है। दुनिया वही देख रही है, जो ईरान हमेशा सहता आया है। अमेरिकी शासन की ये चालें, धमकियां और झगड़ालू रवैया लोगों को मरने देने की उसकी पुरानी आदत है।' यहां उल्लेखनीय है कि ईरान से अमेरिका के रिश्ते विगत कुछ वर्षों में और तल्ख हुए हैं। ट्रंप ने वर्ष 2018 में ईरान के साथ हुए उस परमाणु समझौते से अलग होने की घोषणा भी की थी, जो पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में किए गए थे। इसके बाद अमेरिकी प्रशासन ने ईरान पर कई अन्य प्रतिबंध भी लगा दिए थे।
डब्ल्यूएचओ पर हमलावर रहे हैं ट्रंप
अमेरिका का यह कदम ऐसे समय में आया है, जबकि राष्ट्रपति ट्रंप बीते कुछ समय से डब्ल्यूएचओ को लेकर लगातार हमलावर रहे हैं। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि डब्ल्यूएचओ ने चीन के साथ मिलीभगत कर रखी है और गलत तरीके से उसका पक्ष लिया है। उन्होंने पूर्व में कई बार यह चेतावनी दी कि अमेरिका इस वैश्विक संस्था की फंडिंग रोक देगा, जिसे अब उन्होंने हकीकत में बदल दिया है।