- अमेरिकी थिंक टैक ने सुलेमानी की मौत के बारे में कहा कि यह अमेरिका द्वारा की गई सबसे अचूक स्ट्राइक थी
- ओसामा और बगदादी हमेशा छिपकर रहते थे जबकि सुलेमानी के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं था
- सऊदी अरब और यूएई इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि आखिर ईरान कैसे इसका बदला लेगा
वॉशिंगटन: ईरान के सबसे ताकतवर जनरल माने जाने वाले कासिम सुलेमानी को ड्रोन हमले के जरिए मारने को अमेरिका अपनी एक बड़ी कामयाबी मान रहा है। यहां तक कि अमेरिका का मानना है कि यह अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन और आईएसआईएस के सरगना अबू अल बकर बगदादी को ढेर करने से भी बड़ी कामयाबी है।
प्रतिष्ठित अमेरिकी मैगजीन 'द अटलांटिक' के अनुसार, कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि दोनों देश युद्ध के औऱ करीब चले गए हैं और ईरान के साथ अमेरिका अब परमाणु कार्यक्रम को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। इसके अलावा कासिम की मौत के बाद अब दोनों देशों के बीच बातचीत करने के अवसर भी खत्म हो गए हैं।
अमेरिका के एक दूसरे थिंक टैक ने सुलेमानी की मौत के बारे में मैगजीन में लिखा, 'यह अमेरिका द्वारा की गई सबसे अचूक स्ट्राइक थी क्योंकि इससे अमेरिका को नुकसान हो रहा था। हालांकि यह आईएस औऱ अल कायदा से बिल्कुल अलग है।
वहीं एक अन्य थिंकटैंक ने के अनुसार, 'किसी ऐसे शख्स को मार गिराना जिसे पूरी दुनिया आतंकवादी के नाम से जानती है वह एक आसान काम है लेकिन एक शख्स को मारना जिसे ना कोई जानता हो और वह ना ही वह कोई आतंकी हो यह बिल्कुल आसान नहीं है।' ओसामा और बगदादी हमेशा छिपकर रहते थे जबकि सुलेमानी के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं था। वह सेना के जनरल थे तो खुले में घूमते थे।
अब अमेरिका के सहयोगी खाड़ी देश जैसे- सऊदी अरब और यूएई इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि आखिर ईरान इस प्रतिशोध को किस रूप में लेगा औऱ कैसे बदला लेगा। क्या इससे इराक में और अधिक तीव्र हिंसा हो सकती है और क्या सऊदी अरब और यूएई जैसे अमेरिकी सहयोगी अब निशाने पर होंगे? चिंता करने वाली बात यह है कि अगर ईराक कुछ कदम उठाता है तो अमेरिका कैसे जवाब देगा और किस तरह का जवाब होगा। यहां पर युद्ध की संभावनाएं भी प्रबल हो गई हैं। ऐसे में सबकी नजरें अब अमेरिका पर भी टिकी हैं।