- मंगलवार से श्रीलंका की अपनी दो दिन की यात्रा पर होंगे इमरान खान
- पाकिस्तानी पीएम के साथ कैबिनेट के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी होंगे
- श्रीलंका की संसद को संबोधित करने वाले थे इमरान लेकिन कार्यक्रम रद्द
नई दिल्ली : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कल यानि मंगलवार से दो दिनों की श्रीलंका यात्रा पर होंगे। इमरान खान की यह श्रीलंका यात्रा ऐसे समय हो रही है जब पाकिस्तान अर्थव्यवस्था एवं आंतरिक मोर्चे पर बुरी तरह घिरा हुआ है। इस यात्रा के दौरान इमरान खान के साथ कैबिनेट एवं वरिष्ठ अधिकारियों का एक बड़ा शिष्टमंडल होगा। अपनी दो दिनों की इस यात्रा के दौरान वह श्रीलंका के राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से मुलाकात करेंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा के बारे में कहा है कि द्विपक्षीय मामलों के अलावा क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी।
लिट्टे को हराने में श्रीलंका की मदद की
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि श्रीलंका में तमिल टाइगर्स को हराने में पाकिस्तान ने उसको काफी मदद दी। इस समस्या से निपटने के लिए तत्कालीन पाक सरकार ने श्रीलंका को सैन्य एवं कूटनीतिक मोर्चा पर उसका साथ दिया। कोलंबो को उसकी ओर से अत्याधुनिक सैन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए। इसके अलावा पाकिस्तान ने अपनी सेना के प्रशिक्षित अधिकारियों को वहां भेजा जिन्होंने लिट्टे के खिलाफ अभियान चलाने में उसकी मदद की।
पाक ने कोलंबो को अत्याधुनिक सैन्य उपकरण दिए
समाचार एजेंसी पीटीआई ने साल 2013 की अपनी एक रिपोर्ट में उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से कहा 'यह श्रीलंका सरकार के साथ पाकिस्तान का रक्षा सहयोग था जिसने कोलंबो को अत्याधुनिक क्षमता वाले उपकरण उसे मुहैय्या कराए। इस मदद ने लिट्टे को हराने में अहम भूमिका निभाई।' बाद में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोगा और मजबूत हो गया। पाकिस्तान निर्मित सैन्य उपकरण एवं हथियार श्रीलंका पुहंचने पर भारत सरकार को भी कोई आपत्ति नहीं थी। बताया जाता है कि लिट्टे को हराने में पाकिस्तान से मिली मदद को कोलंबो आज भी काफी अहमियत देता है लेकिन उसे आशंका इस बात की है कि कहीं इस्लामाबाद को तवज्जो देने के प्रयास में नई दिल्ली के साथ उसके संबंध कहीं बिगड़ न जाएं।
कश्मीर का मुद्दा उठा सकते थे इमरान
श्रीलंका के मीडिया में इस बारे में जिक्र किया गया है। श्रीलंका के समाचार पत्र 'एक्सप्रेस' की रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीलंका नहीं चाहता कि नई दिल्ली के साथ उसके संबंध किसी तरह की तल्खी आए। इसीलिए श्रीलंकाई संसद को संबोधित करने के इमरान खान के कार्यक्रम को रद्द किया गया। सरकार के कुछ नेताओं को आशंका है कि इमरान खान संसद को संबोधित करते समय कश्मीर और श्रीलंका में मुस्लिमों के अधिकारों का मुद्दा उठा सकते हैं। इसलिए उसने कोरोना का हवला देकर इमरान का यह कार्यक्रम रद्द कर दिया। पीएम मोदी ने साल 2015 के अपने श्रीलंका दौरे के समय वहां की संसद को संबोधित किया था। इमरान यदि संसद को संबोधित करते तो यह संदेश जाता कि कोलंबो पाकिस्तानी पीएम को प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष रख रहा है।
नई दिल्ली से संबंध खराब नहीं करना चाहता श्रीलंका
इसी समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि कोलंबो बंदरगाह में इस्ट कंटेनर टर्मिनल पर डील रद्द होने से नई दिल्ली-कोलंबो के रिश्ते पहले ही दबाव के दौर से गुजर रहे हैं। आशंका यह भी जताई गई कि इमरान खान श्रीलंका में रहने वाले मुस्लिम के अधिकार का मुद्दा उठा सकेत हैं। दरअसल, श्रीलंका की सरकार ने कोरोना से मरने वाले लोगों को जलाने का आदेश दिया है।