इस दौरान सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में दो पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 30 लोग घायल हो गए। कुछ प्रदर्शनकारियों के हाथ में श्रीलंका का ध्वज और हेलमेट थे। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर फोर्ट इलाके में एकत्र हुए थे।
प्रदर्शनकारी देश में गंभीर आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। राजपक्षे पर मार्च से ही इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है। वह अप्रैल में प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके कार्यालय के प्रवेश द्वार पर कब्जा करने के बाद से ही राष्ट्रपति आवास को अपने आवास तथा कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार शनिवार के विरोध प्रदर्शन की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रपति को शुक्रवार को उनके आवास से बाहर ले जाया गया था। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति को कहां ले जाया गया है, इस बारे में पता नहीं चल सका है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के कार्यालय और आधिकारिक आवास दोनों पर कब्जा कर लिया है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक गोटबाया राजपक्षे इस्तीफा नहीं दे देते हैं। इससे पहले श्रीलंका पुलिस ने शीर्ष वकीलों के संघ, मानवाधिकार समूहों और राजनीतिक दलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद शनिवार को सात संभागों से कर्फ्यू हटा लिया।
सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण मई में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा था। 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।