- पाकिस्तान में आसान नहीं नए पीएम की राह, सहयोगी ही शहबाज को सत्ता से हटाएंगे?
- अभी जो नई हुकूमत बनी है, जाहिर है कि वो एक साल के लिए है- मौलाना फजलुर्रहमान
- मौलाना फजलुर्रहमान ने कहा कि सरकार 1 साल तक ही चल पाएगी
इस्लामाबाद: पाकिस्तान को नया प्रधानमंत्री बने शहबाज शरीफ को गिनती के 15 दिन भी नहीं हुए हैं कि उनकी कुर्सी अभी से ही डोलने लगी है । शहबाज शरीफ को उनके ही सहयोगी ने सिर्फ एक साल का अल्टीमेटम दिया है । इसके अलावा बिलावल भुट्टो भी शहबाज शरीफ के लिए मुश्किलें खड़ी करने लगे हैं। ऐसा लग रहा है कि शहबाज एक साल भी पीएम की कुर्सी पर नहीं रह पाएंगे।
शहबाज की मुश्किलें बढ़ती हुईं
शहबाज शरीफ, इमरान खान को सत्ता से बेदखल कर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हैं और वो भी अकेले दम पर नहीं बल्कि अलग विचारधारा वाले कई दलों के सहयोग से। शहबाज को पीएम बने अभी मुश्किल से 2 हफ्ते भी नहीं बीते हैं कि गठबंधन में गांठ दिखनी शुरू हो गई है। सहयोगी बिलावल भुट्टो से लेकर मौलाना फजलुर्रहमान ने शहबाज शरीफ को आंख दिखानी शुरू कर दी है। सबसे बड़ा बयान पीएम शहबाज शरीफ के सहयोगी और जमीतय उलेमा ए इस्लाम के चेयरमैन मौलाना फजर्लुरहमान ने दिया है। फजलुर्रहमान ने सार्वजनिक मंच से ऐलान किया है कि शहबाज शरीफ की सरकार ज्यादा से ज्यादा एक साल तक चल पाएगी ।
मौलाना फजलुर्रहमान का बयान
जमीयत उलेमा ए इस्लाम के अध्यक्ष मौलाना फजलुर्रहमान ने कहा, 'अभी जो नई हुकूमत बनी है, जाहिर है कि वो एक साल के लिए है , ज्यादा से ज्यादा वो भी ज्यादा से ज्यादा । लेकिन इस हुकूमत के अंदर जमीयत उलमा ए इस्लाम का अपना वजूद है, अपना स्टैड है। हमउनसे कह रहे हैं कि हमें फौरी तौर पर इलेक्शन चाहिए।' ऐसा लग रहा है कि मौलाना फजलुर्रहमान ने शहबाज शरीफ को इशारा दे दिया है कि उनकी कुर्सी एक साल के अंदर-अंदर जा सकती है, जबकि अभी इस सरकार का कार्यकाल पूरे डेढ़ साल बचा है । ऐसे में एक साल का जिक्र ये इशारा करता है कि फजलुर्रहमान मंत्री पद बंटवारे से नाखुश हैं।
नाखुशी और नाराजगी
शहबाज शरीफ के एक और बड़े सहयोगी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी में भी है। PPP अध्यक्ष बिलावल भुट्टो शहबाज शरीफ सरकार में मंत्री पद में बंटवारे से नाराज हैं। बिलावल भुट्टो शपथ ग्रहण में शामिल तो हुए लेकिन मंत्री नहीं बने । बिलावल भुटो वादा पूरा नहीं किए जाने पर नाराज । वादों पर अमल नहीं होने का मामला नवाज शरीफ के सामने उठाएंगे। बिलावल तब से नाराज हैं...जब से शहबाज के मंत्रियों ने शपथ ली थी। दरअसल बिलावल की नाराजगी का मुद्दा सिर्फ मंत्री पद बंटवारा नहीं बल्कि कुछ और भी है। पीपीपी राष्ट्रपति, सीनेट चेयरमैन और पंजाब के गवर्नर के पदों पर अपने उम्मीदवार नियुक्त करवाना चाहती है, लेकिन इसके लिए नवाज शरीफ तैयार नहीं हैं।
दूर हो पाएगी बिलावल की नाराजगी?
शहबाज बिलावल की नाराजगी दूर नहीं कर पाए तो नाराज बिलावल लंदन चले गए नवाज शरीफ से मिलने के लिए । लंदन में नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो की 3 घंटे तक मुलाकात चली। नवाज ने बिलावल को मनाने की कोशिश, उनके लिए डिनर पार्टी भी दी लेकिन बिलावल मान गए हैं इस पर अभी भी शंका है। जब शहबाज शरीफ की सरकार बनने की तैयारी हो रही थी तो बिलावल भुट्टो का नाम विदेश मंत्री के लिए तय माना जा रहा था लेकिन बिलावल को विदेश मंत्री का पद नहीं मिला। अब विदेश से लौटने के बाद क्या बिलावल की नाराजगी दूर हो पाएग। क्या बिलावल की पार्टी को
मन मुताबिक मंत्री पद मिल पाएगा इन सवालों का जवाब अगले कुछ दिनों में साफ होगा।