इस्लामाबाद: भारत विरोधी बयानबाजी के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने दावा किया कि करतारपुर कॉरिडोर की ऑपनिंग भारत को हमेशा के लिए प्रभावित करेगा। अहमद ने करतारपुर कॉरिडोर को पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज बताया और कहा कि कॉरिडोर का खुलना भारत के लिए नुकानदेह होगा। पाकिस्तान ने पहले दावा किया था कि यह प्रधानमंत्री इमरान खान की दिमाग की उपज है।
लोकल मीडिया ने पाक रेल मंत्री के हवाले से कहा कि करतारपुर कॉरिडोर खोलने से जनरल बाजवा द्वारा उस पर लगाए गए घाव को भारत हमेशा याद रखेगा। जनरल बाजवा ने गलियारा खोलकर भारत को बड़ा झटका दिया है। इस प्रोजेक्ट के जरिए पाकिस्तान ने शांति का एक नया वातावरण बनाया है और सिख समुदाय का प्यार जीता है।
इसके बाद गृह मंत्रालय के एमओएस नित्यानंद राय ने बीएसएफ के 55 वें स्थापना दिवस के मौके पर कहा कि डेरा बाबा नानक में करतारपुर साहिब कॉरिडोर सीमा सुरक्षा बल के तहत सुरक्षित है। जवानों के प्रयासों के कारण, दुश्मनों को किसी घुसपैठ या किसी अपराध को करने से पहले कई बार सोचना पड़ता है।
करतारपुर साहिब के द्वार से यह कॉरिडोर 4.7 किलोमीटर लंबा है, जो भारत के पंजाब में गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक साहिब को जोड़ता है, पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिए 9 नवंबर को सिख श्रद्धालुओं के लिए यह कॉरिडोर खोला गया था। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550 वीं वर्षगांठ से ठीक तीन दिन पहले कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए एक भव्य समारोह आयोजित किया गया था। भारतीय राजनेताओं की एक विशाल टुकड़ी ने इस अवसर पर गुरुद्वारा दरबार साहिब में श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए सीमा पार किया था।
पाक रेल मंत्री रशीद, जो भारत के खिलाफ अपने बयानों के लिए कुख्यात रहे हैं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी हैं। हालांकि, कोरिडोर के खुलने के कुछ दिन बाद ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के एक्टिवस्ट ने कहा था कि पाकिस्तान के करतारपुर के पीछे एक नापाक एजेंडा है। पीओके के एक्टिविस्ट अमजद मिर्जा ग्लासगो में निर्वासित जीवन जी रहे हैं। उन्होंने पहले दावा किया था कि पाकिस्तानी सेनापति भारत में शांति और एकता में खलल डालने के लिए एक नया फ्रंट चाहते हैं।
अमजद मिर्जा ने एक कार्यक्रम में मीडिया से कहा कि पाकिस्तान ने अब यह फैसला क्यों लिया? 73 साल बाद उन्होंने ऐसा क्यों किया? उन्होंने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि कश्मीर का प्रवेश द्वार बंद हो गया है जहां वे आतंकवाद फैला रहे थे। इसका नतीजा यह हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना, देश का वास्तविक शासक आम लोगों के बीच विश्वास खो रही है। पीओके कार्यकर्ता ने कह कि करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से, वे अब पंजाब में शांति और सद्भाव में बाधा डालने के लिए खालिस्तानी चरमपंथियों का उपयोग करेंगे।