- कुछ समय पहले इमरान ने कहा था कि करतारपुर आने वाले तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट लाने की जरूरत नहीं होगी
- अब पाकिस्तानी आर्मी ने कहा कि करतारपुर आने वाले यात्रियों का लाना होगा पासपोर्ट
- पाकिस्तान ने इससे पहले खालिस्तानी आतंकियों को लेकर एक वीडियो जारी किया था
इस्लामाबाद: करतारपुर कॉरीडोर को लेकर पाकिस्तान कई पैंतरे अपना चुका है। पाकिस्तान के नापाक इरादों को लेकर सुरक्षा एजेंसिया भी पूरी तरह से चौकन्नी हैं। सिखों की असीम आस्था वाले करतारपुर कॉरिडोर को गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर खोला जा रहा है। लेकिन अब पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरीडोर को लेकर एक नया यू टर्न लिया है।
कुछ समय पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि करतारपुर आने वाले सिख तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट लाने की जरूरत नहीं होगी लेकिन अब पाकिस्तानी आर्मी की तरफ से बिल्कुल उलट बयान आया है। पाक आर्मी के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि करतारपुर आने वाले सिख तीर्थयात्रियों के पास पार्सपोर्ट होना जरूरी है।
दरअसल करतारपुर के जरिए पाकिस्तान अपना प्रोपेगेंडा भी चला रहा है। पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारा खोले जाने का राजनयिक स्तर पर प्रचार करते हुए इस्लामाबाद स्थित विदेशी दूतावासों/उच्चायोगों के प्रमुखों और उनके प्रतिनिधियों को इस संबंध में जानकारी दी है।
करतारपुर में दरबार साहिब से जोड़ने वाले गलियारे के उद्घाटन से पहले सोमवार को पाकिस्तान ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें प्रतिबंधित खालिस्तानी समूह समर्थक ‘सिख फॉर जस्टिस’ का एक पोस्टर भी दिखाया गया है। इस वीडियो पर भारत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया था। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों के इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे करतारपुर गलियारे को खोलने में पडोसी देश के छिपे मंसूबे का पता चलता है।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि यह गलियारा मेरे समेत पूरे सिख समुदाय का एक सपना पूरा होने जैसा है लेकिन भारत आईएसआई खतरे की अनदेखी नहीं कर सकता है एक तरफ तो वे हम पर दया और मानवता दिखा रहे हैं, और वहीं दूसरी ओर, वे आईएसआई समर्थित 2020 खालिस्तान जनमत संग्रह को बढ़ावा देने और यहां स्लीपर सेल बनाने के इस रास्ते का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है।'