- रूस पर आरोप लगे हैं कि उसने यूक्रेन पर 'वैक्यूम बम' से हमला किया है
- 'वैक्यूम बम' फटने के बाद ऑक्सीजन सोख लेता है और लोगों का दम घुटने लगता है
- यह 44 टन टीएमटी के बराबर धमाका करता है, इसका असर ज्यादा समय तक रहता है
Vacuum Bomb : यूक्रेन ने दावा किया है कि रूसी फौज ने उसके ऊपर 'वैक्यूम बम' एवं क्लस्टर बम से हमला किया है। अमनेस्टी इंटरनेशनल एवं मानवाधिकार संगठनों ने भी यूक्रेन पर क्लस्टर बमों से हमला करने का आरोप लगाया है। रूसी सेना पर नागरिक ठिकानों को भी निशाना बनाने के आरोप लग रहे हैं। सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी टीम ने शनिवार को यूक्रेन की सीमा के समीप एक रूसी थर्मोबेरिक रॉकेट लॉन्चर को देखा।
क्या होता है 'वैक्यूम बम'
'वैक्यूम बम' का निर्माण 2007 में किया गया। इसे 'फॉदर ऑफ ऑल बम' के नाम से भी जाना जाता है। जमीन से कुछ ऊंचाई के ऊपर इस बम का विस्फोट कराया जाता है। यह 44 टन टीएमटी के बराबर धमाका करता है। विस्फोट होते ही इससे सुपरसोनिक विस्फोटक तरंगें बननी शुरू हो जाती हैं। ये तरंगें आस-पास के ऑक्सीजन को सोख लेती हैं। जहां यह बम फटता है उसके आस-पास के इलाकों में लोग घुटन महसूस करने लगते हैं। ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोग दम तोड़ने लगते हैं। 'वैक्यूम बम' का असर लंबे समय तक रहता है। यह बम इतना शक्तिशाली होता है कि इसके दायर में आने पर मनुष्य भी गैस बन सकता है।
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हमले के छठवें दिन रूस ने तेज किया हमला
यूक्रेन पर रूसी हमले का छठा दिन है। छठवें दिन रूस ने यूक्रेन पर भीषण हमला बोला है। सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए यह बात सामने आई है कि रूसी सेना का एक बड़ा काफिला राजधानी कीव की तरफ बढ़ा है। बताया गया कि करीब 64 किलोमीटर लंबे इस काफिले में बख्तरबंद गाड़िया एवं टैंक शामिल हैं। जानकार मानते हैं कि रूस कीव को अपने कब्जे में लेने के लिए बड़ा हमला कर सकता है। रिपोर्टें इस बात की भी हैं कि रूसी सेना ने खारकीव पर बड़ा हमला किया है। यहां एक प्रशासनिक इमारत को बम से निशाना बनाया गया।
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भारतीय दूतावास ने कहा-कीव तत्काल छोड़ दें
यूक्रेन पर रूस के तेज होते हमलों को देखते हुए भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को तत्काल कीव छोड़ने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा है कि भारतीय नागरिक जो बस, ट्रेन जो भी साधन मिले उसके जरिए राजधानी कीव से बाहर निकल जाएं। भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़कर उसके पड़ोसी देशों रोमानिया, पोलैंड और हंगरी पहुंच रहे हैं।
भारत सरकार यहां से अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट कर रही है। पीएम मोदी ने भारतीय वायु सेना को 'ऑपरेशन गंगा' से जुड़ने के लिए कहा है। आईएएफ के सी-17 विमान आज यूक्रेन के पड़ोसी देशों के लिए उड़ान भर सकते हैं।