नई दिल्ली: विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने हैरान कर देने वाला दावा किया है। नाइक ने कहा है कि भारत सरकार ने कश्मीर में उसके समर्थन के बदले में उसके खिलाफ दर्ज मामलों में राहत देने की पेशकश की थी। उसने कहा कि भारत सरकार ने उसके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को वापस लेने और भारत में लौटने का रास्ता साफ करने की पेशकश की थी। इसके लिए उसने मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के कदम का समर्थन करना था।
एक वीडियो के माध्यम से नाइक ने ये दावा किया। वीडियो में नाइक ने कहा कि उसने कथित सौदे को अस्वीकार कर दिया। नाइक के दावे के अनुसार, उसे पिछले साल सितंबर में भारत सरकार के एक प्रतिनिधि द्वारा संपर्क किया गया।
नाइक ने अपनी मुंबई की पीआर टीम द्वारा जारी वीडियो में कहा, 'साढ़े तीन महीने पहले भारतीय अधिकारियों ने भारत सरकार के एक प्रतिनिधि के साथ एक निजी बैठक के लिए मुझसे संपर्क किया। जब वह मुझसे मिलने के लिए सितंबर 2019 के चौथे सप्ताह में पुटराजया (मलेशियाई शहर) आए, तो उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दी और गृह मंत्री अमित शाह के सीधे निर्देशों के तहत आ रहे हैं।'
उन्होंने मुझे बताया कि वह पीएम मोदी और अमित शाह के निर्देशों के तहत मुझसे मिलने आए हैं ताकि वे भारत में मेरे सुरक्षित मार्ग के लिए काम कर सकें क्योंकि वे मुस्लिम देशों के साथ संबंध सुधारने के लिए मेरे कनेक्शन का उपयोग करना चाहते थे। प्रतिनिधि ने कहा कि वह मेरे (नाइक) और भारत सरकार के बीच की भ्रांतियों और गलतफहमी को दूर करना चाहता है, और मुझे भारत में एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करना चाहता है।
नाइक ने कहा, 'बैठक कई घंटों तक चली। उन्होंने मुझे बताया कि वह चाहते थे कि मैं कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के लिए भाजपा सरकार का समर्थन करूं। मैंने इसके लिए सीधे रूप से मना कर दिया।' नाइक ने कहा कि प्रस्ताव से इनकार करने के बाद उन्हें आगे भाजपा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सार्वजनिक बयान नहीं देने के लिए कहा गया।
पिछले तीन साल से मलेशिया में रह रहे नाइक पर भारत में सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। वह जुलाई 2016 को ढाका में हुए आतंकी हमले के सिलसिले में भारत और बांग्लादेश दोनों जगह जांच का सामना कर रहा है।