कार लोन प्री-पेमेंट करने में रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो होगा नुकसान

Car Loan Processing Fees, Prepayment Charges: कार लोन समय से पहले चुकाते समय प्री-पेमेंट चार्ज (Prepayment Charge), एनओसी (NOC) और हाइपोथीकेशन (Hypothecation) का जरुर ध्यान रखे।

Car Loan Prepayment
कार लोन का प्री-पेमेंट करते समय प्री-पेमेंट चार्ज का ध्यान रखना जरूरी 
मुख्य बातें
  • ICICI BANK समय से पहले कार लोन चुकाने पर 5 फीसदी प्री-पेमेंट चार्ज लेता है।
  • SBI समय से पहले कार लोन चुकाने पर 3 फीसदी फोरक्लोजर चार्ज लेता है। हालांकि बैंक इसके तहत अवधि के आधार पर छूट भी देता है।
  • हाइपोथीकेशन के बाद ही ग्राहक असल में कार मालिक बनता है। क्योंकि उसके पहले तकनीकी रुप से कार का मालिक बैंक होता है।

नई दिल्ली: अगर आपने कार लोन लिया है और उसे समय से पहले खत्म करना चाहते हैं, तो लोन चुकाने के लिए कई बातें मायने रखती है। इसलिए जब भी आप समय से पहले लोन खत्म करने की सोचें, तो उसके पहले बैंक की प्री-पेमेंट चार्ज (Prepayment Charge), एनओसी (NOC) और हाइपोथीकेशन (Hypothecation) का जरुर ध्यान रखे। क्योंकि ऐसा करने से ही आप की कार पूरी तरह से लोन मुक्त हो पाएगी।

प्रीपेमेंट चार्ज का समझे खेल

जब भी कोई बैंक लोन देता है, तो वह उम्मीद करता हैं कि उसका लोन दिए गए अवधि तक चलता रहे। मतलब है कि अगर उसने कार के लिए 7 साल के लिए लोन दिया है, तो बैंक हमेशा चाहता है कि लोन 7 साल तक चलता रहे। ऐसा इसलिए हैं कि पूरी अवधि तक लोन एक्टिव रहने पर उसे ब्याज के रुप में कमाई होती है। ऐसे में जब कोई ग्राहक समय से पहले लोन चुकाता है, तो उसका सीधा असर बैंक को ब्याज से होने वाली कमाई पर पड़ता है। इसलिए बैंक प्री-पेमेंट चार्ज का विकल्प रखते हैं।

इसे देखते हुए यह जरुरी है कि जब आप कार लोन चुकाने जाएं तो सबसे पहले यही पता करें कि आपका बैंक प्री-पेमेंट चार्ज लेता है या नहीं। मसलन आईसीआईसीआई बैंक (ICICI BANK) समय से पहले लोन चुकाने पर 5 फीसदी चार्ज लेता है। यह चार्ज बचे हुए प्रिंसिपल अमाउंट या फिर बचे हुए ब्याज पर लिया जाता है। इसके तहत प्रिसिंपल और ब्याज में जिसकी राशि कम होगी, उस पर प्री-पेमेंट चार्ज की गणना होती है।

इसी तरह भारतीय स्टेट बैंक (SBI) समय से पहले लोन चुकाने पर 3 फीसदी फोरक्लोजर चार्ज (Foreclosure Charge) लेता है। हालांकि अगर कस्टमर 2 साल के बाद लोन चुकाता है तो बैंक कोई चार्ज नहीं लेता है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि जिस बैंक से आपने लोन लिया है, उसके नियम और शर्तों को ध्यान से समझ लें। क्योंकि कई बार अनजाने में नुकसान हो सकता है। 

एनओसी (No Objection Certificate) लेना बेहद जरूरी

जब भी कार लोन चुकाए, चाहे समय से पहले या समय पूरा होने के बाद, तो यह बेहद जरूरी है कि आप बैंक से एनओसी ले। क्योंकि अगर बैंक से एनओसी नहीं लेंगे तो आपका लोन अकाउंट बंद नही होगा। कुछ लोग लोन चुकाते समय ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करते हैं। ऐसे में हमेशा ध्यान रखे कि भले ही आपने लोन की पूरी राशि लोन अकाउंट में ट्रांसफर कर दी है। उसके बावजूद लोन अकाउंट नहीं बंद होगा। इसलिए उसे बंद करना और बैंक से एनओसी लेना बेहद अहम है।

हाइपोथीकेशन के बाद आप बनेंगे कार मालिक

असल में भले ही लोन लेकर आप कार खुद चलाते हैं, लेकिन तकनीकी रुप से बैंक उसका मालिक (Owner) होता है। ऐसे में जब ग्राहक कार लोन चुका देता हैं, तो उसके लिए जरूरी है कि वह हाइपोथीकेशन प्रक्रिया को पूरी करे। यह प्रक्रिया बैंक से एनओसी मिलने के बाद शुरू होती है। बैंक से एनओसी मिलने के बाद ग्राहक को आरटीओ (RTO)में जाकर हाइपोशीकेन प्रक्रिया पूरी करानी पड़ती है। आरटीओ, एनओसी के जरिए यह मानता है कि अब कार का पूरा लोन चुकाया जा चुका है। और उसके आधार पर वह गाड़ी के कागज (RC) पर ओनर यानी आपका नाम दर्ज करता है। यही जानकारी बीमा कंपनी को भी देनी पड़ती है। इस प्रक्रिया के बाद आप पूरी तरह से कार के मालिक बनते हैं। ऐसा नहीं करने पर अगर भविष्य में आप अपनी कार बेचेंगे, तो उस समय दिक्कत आएगी, क्योंकि कार तकनीकी रुप से बैंक के नाम ही रहेगी।


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