Bhopal News: देश के अलग-अलग स्थानों पर माता रानी के अलग-अलग स्वरूपों में कई चमत्कार देखने-सुनने को मिला करते हैं। कभी मंदिर में देवी की प्रतिमाओं की बातचीत का चमत्कार तो कभी मंदिर में रंग बदलती मूर्ति का अनोखा रहस्य। ऐसा ही एक भोपाल के निकट मंदिर है कंकाली मंदिर। जहां माता की मूर्ति की टेढ़ी गर्दन एक दिन के लिए स्वत: सीधी हो जाया करती है।
बता दें कि कंकाली माता मंदिर भोपाल के निकट रायसेन के गुदावल गांव में है। दावा किया जाता है कि यहां मां काली की देश की पहली ऐसी प्रतिमा है जिसकी गर्दन 45 डिग्री तक झुकी हुई है। मंदिर की स्थापना तकरीबन 1731 के आस-पास बताई जाती है। मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसी वर्ष खुदाई के दौरान यह मंदिर पाया गया था। हालांकि यह अनोखा मंदिर कब अस्तित्व में आया इसकी तारीख या वर्ष की कोई सटीक जानकारी नहीं है।
मिली जानकारी के अनुसार मंदिर की स्थापना को लेकर यह भी बताया जाता है कि स्थानीय निवासी हर लाल मेडा को इस मंदिर के बारे में एक रात्रि सपना आया था। इसके बाद उन्होंने सपने के आधार पर वहां की जमीन पर खुदाई करवाई। खुदाई के दौरान देवी मां की मूर्ति मिली थी। इसके बाद प्राप्त मूर्ति के स्थान पर ही देवी मां की मूर्ति विधि विधान से स्थापित करवा दी गई। तब से ही मंदिर के विस्तार और पूजन भजन का क्रम जारी है। बता दें कि मंदिर परिसर के अंदरूनी हिस्से में 10 हजार वर्गफीट का हॉल है। जिसमें एक भी पिलर नहीं है। जो कि अपने आप में ही प्राचीन अद्भुत कला का नमूना है।
बता दें कि मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है कि जो भी भक्त यहां पर बंधन बांधकर मनोकामना मांगा करता है, उसकी सारी मुराद जरूर पूरी होती है। देश के कोने-कोने से भक्त यहां अपनी मुरादों की झोली भरने के लिए माता के दरबार में आते हैं। मन्नत पूरी होने के बाद बांधा गया बंधन खोल लिया जाता है। कहते हैं कि निसंतान दंपत्तियों की यहां पर गोद भी भर जाती है। लेकिन इसके लिए महिलाएं यहां उल्टे हाथ से गोबर लगाने का काम करती हैं। मनोकामना के पूरा होने के बाद सीधे हाथ का निशान बनाया जाता है। मंदिर में हजारों की संख्या में हाथों के उल्टे और सीधे निशान दिखाई देते हैं।
कहा जाता है कि कंकाली देवी मंदिर में स्थापित मां काली की टेढ़ी गर्दन दशहरे के दिन सीधी हो जाती है। हालांकि आज तक किसी ने भी ऐसा होते हुए देखा नहीं है। कहते हैं कि जो भी भक्त मां की सीधी गर्दन वाली मूर्ति को देख लेता है उसके जीवन के सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं। मान्यता है कि सौभाग्यशाली भक्तों को ही मां काली की सीधी गर्दन के दर्शन होते हैं। नवरात्रि के मौके पर मां काली के दर्शनों के लिए यहां पर देश के कोने-कोने से भक्तजन आते हैं।
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