भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में डे-नाइट टेस्ट खेला गया। यह मैच महज दो दिन में समाप्त हो गया। पिंक बॉल से खेले गए टेस्ट में विराट कोहली की अगुवाई में भारत ने 10 विकेट से जीत दर्ज की। मैच में तेज गेंदबाज विकेट को तरसते रहे जबकि स्पिनर्स पूरी तरह हावी रहे। स्पिनिर्स 30 में से 28 विकेट चटकाए। पिच को लेकर पूर्व क्रिकेटर्स और विशेषज्ञ लगातार सवाल उठा रहे हैं। इस बीच एक खबर सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि विराट 'सेना' ने डे-नाइट टेस्ट को लेकर फीडबैक दिया है। भारतीय खिलाड़ियों ने इसमें पिंक बॉल की खामियों का जिक्र किया है।
'खिलाड़ियों के फीडबैक को गंभीरता से लिया जा रहा'
अब तक सारी चर्चा जहां पिच को लेकर थी वहीं भारतीय खिलाड़ियों ने टीम प्रबंधन को पिंक बॉल से होने वाली दिक्कतों से अवगत कराया है। कहा जा रहा है कि खिलाड़ियों ने एसजी पिंक बॉल का बेहद खराब फीडबैक दिया है। गेंद की दृश्यता और इसका तेजी से स्किड करना, कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन्हें हाइलाइट किया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, टीम प्रबंधन द्वारा खिलाड़ियों के फीडबैक को 'गंभीरता से लिया जा रहा है।' बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि खिलाड़ी जो कह रहे हैं वो महत्वपूर्ण है। हम जल्द ही इस बात पर विचार करेंगे कि क्या हमें भविष्य में पिंक बॉल टेस्ट की मेजबानी करनी चाहिए।
'लाल गेंद की तुलना में बहुत तेजी से आती है पिंक बॉल'
भारतीय टीम प्रबंधन के एक सदस्य ने पिंक बॉल से खेलने पर आ रहे परेशानी को गहराई से समझाया। सदस्य ने कहा, 'पिंक बॉल का सामना करते समय अहम समस्या है कि यह लाल गेंद की तुलना में बहुत तेज है। बल्लेबाजों को लगता है कि गेंद पिच पर पड़ने के बाद एक विशेष गति से आएगी जैसे कि लाल गेंद से खेलते समय आती है। लेकिन पिंक बॉल ज्यादा तेजी से आती है। यह एक बड़ा मसला है। इसके अलावा हमारे खिलाड़ी डे-नाइट टेस्ट खेलने के लिए उत्सुक नहीं हैं क्योंकि पिंक बॉल में बहुत सारे परिवर्तन होते हैं। साथ ही गेंद को देखने में भी कठिनाई होती है।
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