नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा का मानना है कि अजिंक्य रहाणे के साथ ज्यादती हुई कि उन्हें सीमित ओवर टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया जबकि मिडिल ऑर्डर में उनका प्रदर्शन ज्यादा भी खराब नहीं था। रहाणे ने 90 मैचों में 35.26 की औसत से 2962 रन बनाए। नंबर-4 पर बल्लेबाजी करते हुए रहाणे ने 27 मैचों में 36.65 की औसत से 843 रन बनाए। वनडे में बतौर ओपनर रहाणे के आंकड़ें ज्यादा बेहतर हैं। उन्होंने 54 मैचों में तीन शतकों की मदद से 1937 रन बनाए।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2018 में सीरीज में अजिंक्य रहाणे को भारतीय वनडे टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया। अब दो साल हो चुके हैं और रहाणे की वनडे या टी20 इंटरनेशनल टीम में वापसी नहीं हुई है। चोपड़ा का मानना है कि कुछ अनिरंतर स्कोर के आधार पर बल्लेबाज को बाहर बैठाना सही नहीं है जबकि उन्हें थोड़ा मौका मिलना चाहिए ताकि खुद को साबित कर सके।
चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर दर्शकों का जवाब देते हुए कहा, 'नंबर-4 पर रहाणे के आंकड़ें अच्छे हैं। और नंबर-4 पर अगर आप अच्छा प्रदर्शन देते हैं, निरंतर बेहतर खेलते हैं और स्ट्राइक रेट करीब 94 का रहता है, तो फिर आपको ज्यादा मौके क्यों नहीं मिलते? अचानक उन्हें टीम से बाहर कर दिया, जैसे दूध से मक्खी निकाली गई हो। ऐसा क्यों किया गया? मुझे महसूस होता है कि रहाणे के साथ नाइंसाफी हुई।'
चोपड़ा ने आगे कहा, 'अगर भारतीय टीम इंग्लैंड जैसी बन चुकी होती है, जो हर मैच में 350 का स्कोर बनाने की ठानती, कि चाहे स्थिति पक्ष में हो या न हो, लेकिन वह विशाल स्कोर बनाएंगे। हमारे साथ ऐसा नहीं है। हम अब भी क्रिकेट को पारंपरिक तरीके से खेलते हैं। हम पारी का निर्माण करते हैं और ऐसी टीम चुनते हैं, जो 325 रन तक स्कोर पहुंचा सके, ऐसे में अजिंक्य रहाणे इस टीम में एकदम फिट बैठते हैं।'
2014 में चोटिल रोहित शर्मा की गैर-मौजूदगी में अजिंक्य रहाणे ने ओपनर की भूमिका बखूबी अदा की थी। उन्होंने एशिया कप में उम्दा अर्धशतक जमाए और इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में यादगार शतक जमाया। 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दाएं हाथ के बल्लेबाज ने लगातार चार अर्धशतक जमाए। फिर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ छह मैचों की सीरीज के पहले वनडे में मुंबई के बल्लेबाज ने 79 रन की पारी खेली। मगर तीन मैचों में कम स्कोर पर आउट होने के कारण रहाणे को टीम से बाहर कर दिया। जब भारत को नंबर-4 पर विश्व कप से पहले एक बल्लेबाज की जरूरत थी, तब भी रहाणे को नजरअंदाज किया गया।
चोपड़ा ने कहा, 'मेरी नजर में रहाणे के लिए थोड़ी नाइंसाफी हुई क्योंकि उन्हें वनडे टीम से बाहर किया गया, जबकि उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। जब आप किसी को अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद खेलने का मौका नहीं देते, तो आप सही चीज नहीं करते। जब रहाणे ने दक्षिण अफ्रीका में खेला था, तो वहां भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। मुझे याद है कि 2018 की बात है। रहाणे को दोबारा मौका जरूर मिलना चाहिए था।'
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