जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने इंग्लैंड की बहुचर्चित रोटेशन नीति का समर्थन करते हुए कहा कि यह ‘बुद्धिमत्तापूर्ण’ कदम धीरे धीरे ‘शानदार क्रिकेटरों की फौज’ तैयार कर रहा है। इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की रोटेशन नीति की कड़ी आलोचना होती रही है जो कि उसने खिलाड़ियों का कार्यभार कम करने और उन्हें जैव सुरक्षित वातावरण में रहते हुए मानसिक थकान से बचाने के लिए शुरू की है।
स्टेन की नजर में इंग्लैंड की ‘बेंच स्ट्रेंथ’ मजबूत हो रही
इस कदम से कई बड़े मैचों और श्रृंखलाओं में उसके प्रमुख खिलाड़ी नहीं खेल पाते हैं लेकिन स्टेन को लगता है कि इससे इंग्लैंड की ‘बेंच स्ट्रेंथ’ मजबूत हो रही है जिससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए टीमों का चयन करते समय उसे मदद मिलेगी।
'क्रिकेटरों को ढूंढने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा'
स्टेन ने ट्वीट किया, 'इंग्लैंड की रोटेशन नीति धीरे धीरे शानदार क्रिकेटरों की फौज तैयार कर रही है। हम भले ही अभी इसकी आलोचना कर रहे हैं लेकिन अगले आठ वर्षों में आईसीसी के आठ टूर्नामेंट (असल में एक साल में एक, जैसा मुझे बताया गया है) होने हैं और उन्हें वास्तव में टीमों का चयन करते समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के अनुभवी क्रिकेटरों को ढूंढने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा।' उन्होंने आगे कहा, 'टूर्नामेंटों को लेकर मैं पूरी तरह से गलत हो सकता हूं लेकिन मुझे यही बताया गया था। जो भी हो यह बेहद बुद्धिमत्तापूर्ण कदम है।'
इस नीति के कारण बटलर और मोईन स्वदेश लौटे
इस रोटेशन नीति के कारण विकेटकीपर जोस बटलर भारत के खिलाफ पहले टेस्ट और आलराउंडर मोईन अली दूसरे टेस्ट के बाद स्वदेश लौट गए जबकि बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टॉ और तेज गेंदबाज मार्क वुड पहले दो मैचों से बाहर रहने के बाद श्रृंखला के बाकी मैचों के लिए टीम से जुड़ गए हैं। यही नहीं टीम प्रबंधन अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड को भी बीच बीच में विश्राम देता रहा है।
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