नई दिल्ली: टीम इंडिया का अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट इतिहास शानदार रहा है। खासतौर पर शुरुआत जानदार थी जब युवा महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका में पहला टी20 विश्व कप खिताब जीत लिया था। टी20 के आगमन के दौरान तीन भारतीय दिग्गजों पर सभी की नजरें टिकी थीं- सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर..लेकिन इन तीनों ने अंतरराष्ट्रीय टी20 ना खेलने का फैसला किया। सचिन ने एक मैच जरूर खेला। वहीं द्रविड़ और दादा इससे दूर रहे। पूर्व कप्तान व मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की बात करें तो उन्होंने कहा है कि वो अगर इस दौर में टी20 खेलते तो अपने खेल में बदलाव कर लेते।
महान पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने देश के लिए एक भी टी20 मैच नहीं खेला, लेकिन उन्होंने 59 आईपीएल मैच जरूर खेले। उन्होंने कहा कि टी20 बहुत महत्वपूर्ण है। सौरव गांगुली ने सोशल मीडिया पर युवा भारतीय ओपनर मयंक अग्रवाल के साथ बातचीत की और इस दौरान कई बातों को सामने रखा। इसी दौरान कुछ फैंस के सवालों के जवाब भी दिए। ऐसे ही एक फैन ने पूछा कि- दादा अगर आप इस युग में पैदा होते तो क्या करते?
दादा ने फैन को दिया ये जवाब
सौरव गांगुली से एक फैन पे पूछा कि, 'दादा अगर आप इस युग में पैदा हुए होते तो क्या आप अपने ऑल-राउंड कौशल के साथ टी 20 पावर प्लेयर के रूप में खुद को फिर से मजबूत कर लेते या आप वनडे और टेस्ट क्रिकेट की तरह ही खेलते?' इस पर पूर्व दिग्गज कप्तान ने जवाब देते हुए कहा, 'नहीं, टी20 बहुत महत्वपूर्ण है। मैंने खुद के खेल में इसके लिए बदलाव किया होता। यहां तक कि मैंने पहले पांच साल तक आईपीएल खेला है। उन्होंने कहा, आप जानते हैं कि यह आपको खुलकर खेलने की आजादी देता है। मुझे लगता है कि मैंने टी20 का लुत्फ उठाया था।
2007 टी20 विश्व कप खेलना चाहते थे सचिन और गांगुली लेकिन..
कुछ ही दिन पहले टीम इंडिया के पूर्व मैनेजर लालचंद राजपूत ने एक खुलासा किया था। राजपूत के मुताबिक टी20 विश्व कप 2007 में सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली भी खेलना चाहते थे लेकिन टीम के तीसरे दिग्गज, यानी राहुल द्रविड़ ने उन दोनों को टी20 ना खेलने के लिए मनाया था। द्रविड़ चाहते थे इस फटाफट प्रारूप में युवाओं को खेलने का मौका दिया जाए।
सौरव गांगुली ने 2002 में नेटवेस्ट सीरीज में ऐतिहिासिक जीत पर भी बात की। उन्होंने कहा कि, 'उस जीत के बाद टीम जोश में आ गई थी। पूर्व कप्तान ने कहा, वो शानदार पल था। हम आपे से बाहर हो गए थे, लेकिन यही खेल है। जब आप इस तरह के मैच जीतते हो तो आप ज्यादा जश्न मनाते हो। वह महान मैचों में से एक है जिनका मैं हिस्सा रहा।' गौरतलब है कि युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ के यादगार प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम ने इंग्लैंड को उसी की जमीन पर नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल वनडे में लॉर्ड्स के मैदान पर मात दी थी। उस जीत के बाद दादा ने लॉर्ड्स के पवेलियन पर अपनी शर्ट उतारकर उसे हवा में घुमाते हुए जोरदार जश्न मनाया था।
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