नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह वो लक्ष्य पाने में असफल हुआ है, जिसके लिए इसे बनाया गया था। चैपल के मुताबिक इस समय टीमें डीआरएस का उपयोग मैच पर पकड़ बनाने के लिए करती हैं।
चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो में अपने कॉलम में लिखा है, ऐसा समय था जब बीसीसीआई को इस पर भरोसा नहीं था। मैं अभी भी बीसीसीआई से इस पर पीछे नहीं हूं क्योंकि मुझे अभी भी डीआरएस पर ज्यादा भरोसा नहीं है।
अपने लक्ष्य नहीं हासिल कर पाया
उन्होंने कहा, यह आईसीसी के दो मुख्य लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाया है- सही फैसला लेना और बड़ी गलतियां दूर करना। इसलिए जब तक तय संख्या में रिव्यू होंगे, इससे लक्ष्य हासिल करने की गारंटी नहीं दी जा सकती।
अंपायरों के फैसले नहीं होना चाहिए रणनीति का हिस्सा
उन्होंने कहा, मौजूदा प्रारूप में 50-50 फैसलों पर ही रिव्यू लिया जाता है, कई बार इसे रणनीतिज्ञ तौर पर भी उपयोग में लिया जाता है, कई बार उसे अपने हित के लिए उपयोग में लिया जाता है। अंपायरों के फैसले खेल की रणनीति का हिस्सा नहीं होने चाहिए।
इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच जारी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में हर पारी में तीन रिव्यू दिए गए हैं। आमतौर पर इसकी संख्या दो होती है लेकिन कोरोनावायरस के कारण नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं और इसलिए एक अतिरिक्त रिव्यू दिया गया है। चैपल ने लिखा, अगर मैं खिलाड़ी होता और फैसले में कोई इंसान शामिल होता तो मैं इसे मैदान के बीच में ही सुलझाने को लेकर प्राथमिकता देता।
अंपायर्स की भावनाओं का हो सम्मान
उन्होंने कहा, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज में जब रिचर्ड केटलबोरो के तीन फैसले रिव्यू के कारण बदल दिए गए तब उनके चेहरे को देखते हुए उनकी भावनाओं का अंदाजा अलग से लगाया जा सकता था। मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं, वह अंतरराष्ट्रीय पैनल में अच्छे अंपायरों में से एक हैं। उन्होंने कहा, इस महामारी के समय में तीसरा रिव्यू, बताता है कि सिस्मट से छेड़छाड़ की गई है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्रिकेट (Cricket News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल