मेलबर्न: एडिलेड में दूसरी पारी में अपने टेस्ट इतिहास के सबसे छोटे स्कोर पर ऑलआउट होने वाली भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में एक और अनचाहे रिकॉर्ड की तरफ बढ़ रही है। भारतीय टीम ने इस साल यानी 2020 में एक भी टेस्ट मैच ड्रॉ या फिर नहीं जीता है। वह मेलबर्न में चार मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा टेस्ट खेलने पहुंची है। भारतीय टीम ने इस साल की शुरूआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेली थी, जिसमें उसका 2-0 से सफाया हुआ था।
इसके बाद कोरोना वायरस महामारी के कारण क्रिकेट गतिविधियां ठप्प पड़ गईं। भारतीय टीम 9 महीने के बाद अपने पहले अंतरराष्ट्रीय दौरे पर निकली। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया को तीन मैचों की वनडे सीरीज में 1-2 की शिकस्त झेलनी पड़ी। इसके बाद विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम ने वापसी करते हुए तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम की। दोनों देशों के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का शुभारंभ एडिलेड से हुआ।
टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला कोहली और उनकी टीम के लिए बुरे सपने की तरह रहा। भारतीय टीम पहली पारी में 53 रन की बढ़त लेने के बाद दूसरी पारी में केवल 36 रन पर ऑलआउट हो गइ। यह टेस्ट इतिहास में भारत का सबसे छोटा स्कोर रहा। डे/नाइट टेस्ट ढाई दिन में समाप्त हुआ और ऑस्ट्रेलिया इसमें विजेता रहा। इस साल तीनों टेस्ट हारने वाली भारतीय टीम को अपनी साख बचाने के लिए मेलबर्न टेस्ट ड्रॉ या फिर जीतने की जरूरत है।
टेस्ट क्रिकेट के 88 साल के इतिहास में किसी भारतीय टीम ने एक कैलेंडर ईयर (न्यूनतम योग्यता- 3 मैच) में अपने सभी मुकाबले नहीं गंवाए हैं। जहां तक अन्य टीमों की बात है तो बांग्लादेश के नाम एक साल में सभी टेस्ट हारने का शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज है। 5 साल बांग्लादेश ने पूरा साल एक भी टेस्ट बिना जीते गुजारे। इसके बाद दूसरे नंबर पर जिंबाब्वे, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका (3 बार) संयुक्त रूप से काबिज है। इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज और श्रीलंका (कम से कम एक बार) इन सभी का ऐसा प्रदर्शन रहा जहां टेस्ट में एक कैलेंडर ईयर में वो एक ड्रॉ या एक मैच जीतने में कामयाब हुए हो।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्रिकेट (Cricket News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल