भारत और न्यूजीलैंड की टीम आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में आमने-सामने हैं। न्यूजीलैंड ने शनिवार को टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी करने का न्यौता दिया। पारी का आगाज करने रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। दोनों ने काफी देर तक कीवी गेंदबाजों का डटकर सामना किया। रोहित और शुभमन ने पहले विकेट के लिए 62 रन की साझेदारी की। यह पार्टनरशिप भले ही ज्यादा बड़ी नहीं हो पाई, लेकिन फिर भी भारत ने पांच साल बाद एक खास कारनामा अंजाम दे दिया।
भारतीय ओपनर्स ने पार की 'मुश्किल डगर'
दरअसल, कीवी गेंदबाज पिछले पांच साल से टेस्ट में भारतीय सलामी बल्लेबाजों को पहले विकेट के लिए 50 रन से अधिक की साझेदारी नहीं करने दे रहे थे। कीवी गेंदबाजों ने लगातार भारतीय ओपनर्स की राह में रोड़ अटकाए और जल्द ही साझेदारी को तोड़ दिया। लेकिन टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारतीय ओपनर्स ने यह 'मुश्किल डगर' पार कर ली। इससे पहले भारतीय सलामी बल्लोबजों ने साल 2016 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध कानपुर टेस्ट की दूसरी पारी में 50 रन से ज्यादा जोड़े थे।
पहले सत्र में पवेलियन लौटे रोहित-गिल
गौरतलब है कि सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शुभमन गिल पहले सत्र में ही पवेलियन लौट गए। रोहित ने 68 गेंदों में 34 रन बनाकर अपना विकेट गंवा दिया। उन्होंने 6 चौके लगाए। रोहित 21वें ओवर में काइल जैमिसन का शिकार बने। वह ड्राइव करना चाहते थे, लेकिन गेंद टिम साउदी के हाथों में चली गई। वहीं, रोहित के जाने के बाद शुभमन गिल भी ज्यादा देर टिक नहीं पाए। वह 64 गेंदों में 3 चौकों के जरिए 28 रन बनाकर आउट हो गए। उन्हें नील वेगनर ने विकेटकीपर बीजे वॉटलिंग के हाथों लपकवाया।
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