कोलंबो: यह कुमार संगकारा के सजे हुए इंटरनेशनल करियर के सबसे बड़े मैचों में से एक थे, लेकिन इसका नतीजा उनकी टीम के पक्ष में नहीं गया। कुमार संगकारा के नेतृत्व वाली श्रीलंका को 2011 विश्व कप के फाइनल में मेजबान भारत के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था। टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी ने नुवान कुलसेकरा की गेंद पर लांग ऑन की दिशा में छक्का जड़कर टीम को 28 साल बाद वर्ल्ड कप चैंपियन बनाया था।
तब मैदान पर एकदम अलग-अलग भावनाएं देखने को मिली थी। भारतीय खिलाड़ी जीत की खुशी में आंसू बहा रहे थे जबकि टीवी कैमरा ने कुमार संगकारा पर फोकस किया, जो मुस्कुराते हुए आगे बढ़ रहे थे। तब युवराज सिंह अपने कप्तान एमएस धोनी को गले लगा रहे थे। कुमार संगकारा की मुस्कुराते हुए फोटो कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी।
संगकारा ने खोले राज
2011 विश्व कप फाइनल के बाद अपनी हंसी को याद करते हुए कुमार संगकारा ने रविचंद्रन अश्विन को इंस्टाग्राम पर बताया कि इसकी मदद से उन्हें दुख और निराशा को छुपाने में मदद मिली। पूर्व श्रीलंकाई कप्तान ने कहा, 'मेरे ख्याल से मेरी जिंदगी में श्रीलंका में जीने पर ऐसी कई चीजें हैं, जो आपको नीचे गिराती हैं। ऐसी कई चीजें हैं, जिसकी आपको चिंता करनी होती है। 30 साल में हमारे युद्ध हुए, 2005 में प्राकृतिक आपदा देखी। हमने कई विभिन्न मामले देखे, लेकिन श्रीलंका की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह हर बार दुखो से ऊपर उठता है। यह हमारे अंदर है। जब हम खेलते हैं तो जीतना चाहते हैं। हम काफी प्रतिस्पर्धी हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'चाहे हम जीते या हारे। हमें पता है कि जीत या हार को कैसे लेना है। मुस्कुराहट से कई हद तक दुख और निराशा छुप जाती है। श्रीलंका में 20 मिलियन लोग 1996 से इस खिताब का इंतजार कर रहे थे। 2011 और 2007 में हमारे पास मौका था। फिर 2009 और 2012 में टी20 इंटरनेशनल में यह मौका था। इसलिए जीत या हार को समझने के लिए अच्छा तरीका है कि समझकर चलें कि जिंदगी ऐसी है। जब कोई चीज आपकी तरह नहीं चल रही हो। मगर जरूरी यह है कि आप उसे तब भी वैसे ही चलाएं।'
इस दौरान कुमार संगकारा ने 2011 विश्व कप फाइनल में दो बार टॉस होने के विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी। संगकारा ने कहा कि वानखेड़े स्टेडियम पर दर्शकों के शोर के बीच मैंने जो कहा, वो एमएस धोनी को सुनाई नहीं आया। पूर्व श्रीलंकाई कप्तान ने कहा कि धोनी ने दोबारा टॉस करने को कहा था। भाग्य की बात रही कि श्रीलंका ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया।
संगकारा ने कहा, 'यह दर्शकों के कारण हुआ। श्रीलंका में कभी ऐसा नहीं हुआ। ऐसा मेरे साथ भारत में ही हुआ। एक बार ईडन गार्डन्स में मैं पहली स्लिप वाले को जो बोल रहा था, वो खुद को ही सुनाई नहीं आ रहा था। वानखेड़े स्टेडियम था फिर वो तो। मुझे याद है कि माही को याद नहीं था कि मैंने क्या कहा। माही ने कहा- क्या आपने टेल्स कहा। मैं कहा- नहीं मैंने टेल्स कहा। मैच रेफरी ने कहा कि मैंने टॉस जीता है। माही ने तब कहा, नहीं, नहीं नहीं, कुछ उलझन है। फिर से टॉस करते हैं। तब दोबारा टॉस हुआ।'
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