लंदन: इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ओली रोबिनसन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार टेस्ट डेब्यू किया। रोबिनसन ने अपने पहले ही मैच में कुल 7 विकेट लिए। उन्होंने पहली पारी में 28 ओवर में 6 मेडन सहित 75 रन देकर चार विकेट झटके। इसके बाद दूसरी पारी में 14 ओवर में 5 मेडन सहित 26 रन देकर तीन विकेट चटकाए। रोबिनसन इंग्लैंड के 698वें टेस्ट क्रिकेटर बने।
हालांकि, इतने शानदार डेब्यू के बावजूद रोबिनसन को दूसरे टेस्ट से बाहर किए जाने की तैयारी चल रही है। इसके पीछे का कारण है रोबिनसन के 8 साल पुराने नस्लवादी और सेक्सिस्ट ट्वीट। अपनी युवावस्था में रोबिनसन ने नफरत फैलाने वाले कई ट्वीट्स किए, जो उनके डेब्यू करने के बाद सोशल मीडिया पर दोबारा छा गए। ईसीबी ने इस मामले में लॉर्ड्स टेस्ट समाप्त करने के बाद जांच करने का वादा किया है।
27 साल के ओली रोबिनसन पर इस समय प्रतिबंध, भारी जुर्माना या फिर दोनों लगने की तलवार लटक रही है। ईसीबी के प्रमुख कार्यकारी टॉम हैरिसन पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि नस्लवादी और सेक्सिस्ट कमेंट को किसी प्रकार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस पर कड़ी कार्रवाई होगी। हैरिसन ने कहा कि उस खिलाड़ी को नहीं बख्शा जा सकता, जिसने अपनी क्रूर मानसिकता से भद्रजनों के खेल की छवि खराब की हो। इस खेल में ऐसी मानसिकता वाले खिलाड़ी नहीं टिक सकते हैं।
इसमें ओली रोबिनसन के अंतरराष्ट्रीय करियर पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक टेस्ट का प्रतिबंध खिलाड़ी को सबक सिखाने के लिए पर्याप्त माना जा रहा है।
ओली रोबिनसन अपने पुराने बर्ताव के लिए शर्मिंदा हैं। उन्होंने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद माफी मांगी थी कि वह इन चीजों पर अब विश्वास नहीं करते हैं। रोबिनसन ने गुजारिश की थी कि उनके अपरिपक्व ट्वीट को अंतरराष्ट्रीय करियर के रास्ते में नहीं आने दें। मगर इंग्लैंड में कई लोगों का मानना है कि तेज गेंदबाज ईसीबी के नस्लवादी विरोधी पहल के समर्थन का उदाहरण बनेगा। ओली रोबिनसन 2013 में यॉर्कशायर के साथ थे, जब उन्होंने इस प्रकार ट्वीट किए थे।
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