नई दिल्ली: 7 फरवरी का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में बेहद खास है। इसी दिन 1999 में भारत के पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली में खेले गए टेस्ट मैच की एक पारी में सभी 10 विकेट लेने का कमाल किया था। जिम लेकर के बाद अनिल कुंबले एक पारी में 10 विकेट लेने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने थे।
अनिल कुंबले ने 74 रन देकर 10 विकेट लिए थे। हालांकि, सभी विकेट 18.2 ओवर में 37 रन के अंतराल में गिरे थे। यानी यह कहा जा सकता है कि मैच में सबकुछ इन 37 रन के अंदर सिमट गया था। भारत के लिए यह जीत बेहद खास बनी थी। टीम इंडिया की 23 टेस्ट में यह पाकिस्तान पर पहली जीत थी। इससे पहले पाकिस्तान पर उसने 1979-80 में आखिरी टेस्ट जीत दर्ज की थी।
अनिल कुंबले के 10 विकेट लेने के पीछे की कई कहानियां भी यादगार हैं। जवागल श्रीनाथ का वाइड गेंदें डालना और सचिन तेंदुलकर का अजब टोटका अपनाना। बहरहाल, दिल्ली में चौथे टेस्ट के चौथे दिन की शुरूआत साधारण सी थी। घरेलू टीम को दर्शकों का ज्यादा समर्थन हासिल था। 420 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान ने बिना विकेट गवाएं 100 रन बना लिए थे। भारतीय टीम के दिमाग में हार के ख्याल पनपने ही जा रहे थे कि अनिल कुंबले ने बाजी पलटने का काम शुरू किया।
लेग स्पिनर ने एक विकेट लिया और फिर उन्हें कोई रोक नहीं पाया। कुंबले टेस्ट क्रिकेट इतिहास में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने। बता दें कि भारत ने दिल्ली टेस्ट में पहले बल्लेबाजी की और उसकी पहली पारी 252 रन पर सिमटी। जवाब में पाकिस्तान को पहली पारी में भारत ने केवल 172 रन पर समेट दिया। इस तरह पहली पारी के आधार पर भारत को 80 रन की बढ़त मिल गई। टीम इंडिया की दूसरी पारी 339 रन पर ऑलआउट हुई और पाकिस्तान को 402 रन का लक्ष्य मिला।
पाकिस्तान की ठोस शुरूआत के बाद अनिल कुंबले का जलवा शुरू हुआ। उन्होंने सबसे पहले शाहिद अफरीदी को अपना शिकार बनाया और फिर जल्दी-जल्दी एजाज अहमद, इंजमाम उल हक, मोईल खान और युसूफ योहाना का शिकार किया। चायकाल तक कुंबले ने भारत की जीत सुनिश्चित कर दी थी। मुश्ताक और सकलैन को कुंबले ने लगातार दो गेंदों में आउट किया।
420 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान ने दमदार शुरुआत की। सईद अनवर (69) और शाहिद अफरीदी (41) ने 101 रन की ओपनिंग साझेदारी की। 24 ओवर हो गए थे और भारत को कोई विकेट नहीं मिला था। तब मोहम्मद अजहरूद्दीन ने गेंद अनिल कुंबले को थमाई। सचिन तेंदुलकर ने परंपरा के मुताबिक गेंदबाज से उसका स्वेटर और टोपी ली व अंपायर को सौंप दी। ऐसा इसलिए ताकि गेंदबाज सीधे अपने रनअप पर जाए और गेंदबाजी पर ध्यान लगाए। 25वें ओवर में कुंबले ने शाहिद अफरीदी और एजाज अहमद को आउट कर दिया।
सचिन तेंदुलकर का अंधविश्वास जागा कि उनके स्वेटर और टोपी लेने से कुंबले को विकेट मिला। सचिन तेंदुलकर ने उस पल इसे ही अपनी सफलता का मंत्र बनाया और कुंबले के ओवर के दौरान उनका स्वेटर व टोपी लेकर अंपायर को सौंपने का काम किया। इसका जोरदार असर देखने को मिला और फिरोजशाह कोटला स्टेडियम पर इतिहास रचा गया। अनिल कुंबले ने एक पारी में सभी 10 विकेट लिए। पाकिस्तान की दूसरी पारी 60.3 ओवर में 204 रन पर ऑलआउट हुई। भारत ने यह मैच 212 रन के विशाल अंतर से जीता।
अनिल कुंबले रिकॉर्ड के करीब थे। तब मोहम्मद अजहरूद्दीन ने तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ को निर्देश दिए कि बाहर ही गेंद डाले और विकेट नहीं लें। श्रीनाथ ने अपने कप्तान की बात मानी और कुंबले के 10 विकेट की कहानी का हिस्सा बने। भारत ने मैच जीता और कुंबले ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड अपने नाम किया।
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