भारतीय सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे में अपने हुनर का बेजोड़ प्रदर्शन किया। उन्होंने निडरता के साथ श्रीलंकई गेंदबाजों की जमकर धुलाई की। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध एडिलेड टेस्ट के बाद टीम से बाहर होने वाले शॉ ने शानदार कमबैक करते हुए 24 गेंदों में 43 रन ठोक डाले। उन्होंने पारी में 9 चौके लगाए। उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया। शॉ की तूफानी पारी देख सोशल मीडिया पर उनका और हेड कोच राहुल द्रविड़ का जिक्र एकसाथ किया जाने लगा। यूजर्स ने कहा कि क्या द्रविड़ ने शॉ को कोई खास सलाह दी है, जिससे उनका बल्ला बोल उठा।
'मैं बस ढीली गेंदों का इंतजार किया'
हालांकि, पहले वनडे के बाद पृथ्वी शॉ ने बल्लेबाजी के लिए आने से पहले कोच राहुल द्रविड़ द्वारा किसी भी तरह के निर्देश से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कोच की तरफ से कोई सलाह नहीं दी गई। शॉ ने कहा, 'राहुल सर ने कुछ नहीं कहा। मैं बस अपने सहज स्वभाव के साथ खेला और ढीली गेंदों का इंतजार किया। जाहिर तौर पर स्कोरबोर्ड को लगातार चलाए रखना चाहता था। मैंने ऐसा करने का शुरू से प्रयास किया। पिच बहुत अच्छी थी। पहली पारी भी अच्छी थी लेकिन मुझे लगता है कि दूसरी पारी में विकेट बेहतर हुआ।'
'हो सकता है ध्यान थोड़ा भटक गया हो'
बता दें कि शॉ उस वक्त तक ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी करते रहे, जब तक दुष्मंथा चमीरा की गेंद हेलमेट पर नहीं लगी। दरअसल, 43 रन पर बल्लेबाजी करते हुए पांचवें ओवर में एक गेंद इतनी जोर से लगी कि हेलमेट का नेक गार्ड टूट गया। इसके बाद शॉ अगले ओवर में धनंजय डिसिल्वा के खिलाफ गलत शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा बैठे। उन्होंने छक्का मारने के चक्कर में अविष्का फर्नांडो को लॉन्ग ऑन पर कैच थमाया। अपने आउट होने के बारे में शॉ ने कहा, 'मुझे रफ्तार के विरुद्ध बल्लेबाजी करने में मजा आता है। सिर पर चोट लगने के बाद हो सकता है कि मेरा ध्यान थोड़ा भटक गया हो।'
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