नई दिल्लीः टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री हमेशा से ही विराट कोहली की अगुवाई वाली मौजूदा टीम को सबसे बेहतरीन भारतीय टीम बताते आए हैं। वो इस टीम के मुख्य कोच हैं और उनका ऐसा बोलना बनता भी है। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के साथ कोच-कप्तान का रिश्ता भी काफी मजबूत बताया जाता रहा है लेकिन रवि शास्त्री ने अब एक ऐसा बयान दिया है जो थोड़ा चौंकाने वाला है। उन्होंने 1985 में वनडे मैचों में खेलने वाली भारतीय टीम की तुलना विराट कोहली की अगुवाई वाली मौजूदा टीम से कर डाली और कहा कि 1985 वाली टीम विराट सेना को भी परेशानी में डाल सकती थी।
रवि शास्त्री खुद भी 1985 की उस टीम का अहम हिस्सा थे जिसने सुनील गावस्कर की अगुवाई में क्रिकेट विश्व चैंपियनशिप जीती थी। वो ऑस्ट्रेलिया में खेली गयी इस चैंपियनशिप में भारतीय जीत के नायक थे और उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने जाने पर तब मशहूर ‘ऑडी’ कार मिली थी।
चौंकाने वाला बयान
रवि शास्त्री ने एक ऑनलाइन चर्चा के दौरान कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं। वो (1985 की टीम) सीमित ओवरों की किसी भी भारतीय टीम को कड़ी चुनौती पेश करेगी। वो 1985 वाली टीम आज की भारतीय टीम को भी परेशानी में डाल देगी।’’ टीम इंडिया के मुख्य कोच के इस बयान के बाद चर्चा आगे भी बढ़ सकती है।
विश्व कप विजेता टीम की तुलना में 1985 की टीम मजबूत
इसके साथ ही शास्त्री का ये भी मानना है कि 1985 की टीम 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम से भी बेहतर थी क्योंकि उसमें युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो यहां तक मानता हूं कि 1983 की तुलना में 1985 की टीम अधिक मजबूत थी। आप जानते हैं कि मैं दोनों टीमों का हिस्सा था। मैं 1983 विश्व कप में खेला था और 1985 में अगर आप प्रत्येक खिलाड़ी पर गौर करो तो उसमें 1983 के 80 प्रतिशत खिलाड़ी शामिल थे। लेकिन इस बीच टीम में शिवरामकृष्णन, सदानंद विश्वनाथ, अजरूद्दीन जैसे युवा खिलाड़ी आ गये थे। हमारे पास पहले से अनुभवी खिलाड़ी थे और इनके जुड़ने से टीम शानदार बन गयी।’’
क्या विराट का वो बयान है वजह
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने उन कोचों का नाम बताया था जिन्होंने विराट के करियर में सबसे अहम भूमिका निभाई। विराट ने दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज एबी डिविलियर्स के साथ इंस्टाग्राम चैट के दौरान कहा था कि उनके जीवन में जिन कोचों की अहम भूमिका रही उसमें पूर्व भारतीय कोच गैरी कर्स्टन, पूर्व दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज मार्क बाउचर और पूर्व भारतीय कोच डंकन फ्लेचर का नाम लिया। रवि शास्त्री और विराट कोहली के बीच कोच व कप्तान के रूप में काफी अच्छे संबंध बताए जाते रहे हैं लेकिन विराट का इस बयान में रवि शास्त्री का नाम ना लेना कुछ सवाल तो खड़े करता ही है।
ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम को घर में हराना आसान नहीं था
रवि शास्त्री ने ये भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया में 2018-19 में 71 वर्षों में पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीतना विशेष रहा लेकिन जब सीमित ओवरों की क्रिकेट की बात आती है तो 1985 का कोई जवाब नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘इन दोनों टीमों का हिस्सा होना शानदार है। ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराना बहुत मुश्किल था क्योंकि कोई एशियाई टीम 71 वर्षों से ऐसा नहीं कर पायी थी।’’
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