ऑस्ट्रेलिया के महान पूर्व स्पिनर शेन वॉर्न अब इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन उनकी यादें व उनको लेकर चर्चाएं आज भी हो रही हैं। वैसे तो दुनिया ने उनको एक शानदार स्पिनर के रूप में जाना लेकिन उनके अंदर कई और प्रतिभाएं भी मौजूद थीं जिससे सब वाकिफ नहीं थे। इसी में एक प्रतिभा थी कप्तानी की।पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वॉटसन ने बताया है कि किसी खिलाड़ी का आकलन कर उससे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाने की नैसर्गिक क्षमता शेन वार्न को ‘अविश्वसनीय नेतृत्वकर्ता’ बनाती थी।
इस खेल के सबसे महानतम स्पिनर में से एक माने जाने वाले वार्न का हाल ही में निधन हो गया। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग में भी अपने 2008 से 2011 तक अपने प्रदर्शन की छाप छोड़ी और टूर्नामेंट के पहले सत्र में अपनी कप्तानी में राजस्थान रॉयल्स को चैम्पियन बनाने में अहम योगदान दिया।
वॉटसन ने दिल्ली कैपिटल्स के वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मेरे लिए सबसे खास बात यह थी कि राजस्थान को दावेदार नहीं माना जा रहा था क्योंकि हमारे पास अन्य टीमों की तुलना में बड़े नाम नहीं थे। राजस्थान को इस चीज का फायदा हुआ वह टीम के खिलाड़ी बहुत जल्दी एकजुट हो गये थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शेन वार्न के पास जो अविश्वसनीय कौशल था, वह यह देखना था कि लोगों की भूमिका क्या हैं और फिर उस भूमिका को कैसे भुनाया जाये। यही कारण है कि मैं उन्हें एक अविश्वसनीय कप्तान मानता था। उन्हें पता होता था कि सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा का कैसे इस्तेमाल करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह खिलाड़ियों पर भरोसा करते थे, उनके कौशल को जानते थे कि वे किन परिस्थितियों में टीम के काम आयेंगे। यही वजह थी कि राजस्थान ने पहले सत्र में इतना अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने खिलाड़ियों को अलग-अलग संस्कृतियों और करियर के विभिन्न पड़ाव पर होने के बाद भी सही सामंजस्य बैठाया और आगे आकर नेतृत्व किया।’’
लेग स्पिन को कला को फिर से जीवित करने वाले वार्न ने लगभग 15 साल के शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर 145 टेस्ट मैच में 708 विकेट लिये है। उनका चार मार्च को थाईलैंड में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
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